Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 22:41

गांधीनगर : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बड़ी कंपनियों का अनुचित पक्ष लेने के लिए गुजरात सरकार तथा राज्य की सार्वजनिक कंपनियों (एसपीएसयू) की कड़ी आलोचना की है। कैग का कहना है कि राज्य सरकार तथा सरकारी कंपनियों के इस रख के कारण सरकारी खजाने को लगभग 580 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कैग ने 31 मार्च, 2012 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए पेश अपनी रपट में यह टिप्पणी की है। इसके अनुसार गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार ने जिन प्रमुख औद्योगिक घरानों की भलाई में भूमिका निभाई है उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार स्टील व अदाणी पावर शामिल हैं।
सरकारी आडिटर की यह रपट कल राज्य विधानसभा में पेश की गई। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने वाहन कंपनी फोर्ड इंडिया तथा लार्सन एंड टुब्रो को जमीन देने के लिए नियमों को तोड़ा। इससे भी सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 22:41