Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 22:41
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बड़ी कंपनियों का अनुचित पक्ष लेने के लिए गुजरात सरकार तथा राज्य की सार्वजनिक कंपनियों (एसपीएसयू) की कड़ी आलोचना की है। कैग का कहना है कि राज्य सरकार तथा सरकारी कंपनियों के इस रख के कारण सरकारी खजाने को लगभग 580 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।