Last Updated: Wednesday, May 15, 2013, 14:55
नई दिल्ली : खाद्य सुरक्षा विधेयक पर एक अध्यादेश लाये जाने की अटकलों के बीच कानून मंत्रालय ने आगाह किया है कि खाद्यान्न बांटने के लिए उचित प्रणाली बनाये बिना किसी कानून को लागू नहीं किया जाना चाहिए।
कानून मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालयीन विचार विमर्श के दौरान खाद्य मंत्रालय को बताया कि राज्य सरकारों के साथ अभीष्ट लाभार्थियों की सूची तैयार किये बिना अध्यादेश लागू करना नहीं चाहिए क्योंकि इससे प्रस्तावित कानून निर्थक रहेगा।
सूत्रों के अनुसार कानून मंत्रालय ने यह भी कहा कि अध्यादेश लागू करने से पहले एक प्रणाली तैयार की जानी चाहिए। यह अध्यादेश संसद में कानून बनने तक इस लिहाज से प्रभावी होगा।
प्रस्तावित अध्यादेश के खिलाफ एक मजबूत राय यह भी है कि नागरिकों को कानूनी अधिकारों की गारंटी किसी सरकारी आदेश के जरिये नहीं दी जा सकती और इसे केवल संसद ही कानून के माध्यम से प्रदान कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक खाद्यान्न वितरण के लिए कोई प्रणाली तैयार नहीं होने के चलते खाद्य मंत्रालय प्रस्तावित अध्यादेश को लागू करने में किसी तरह की आवश्यकता नहीं दर्शा सका।
सरकार ने बजट सत्र में विधेयक को लोकसभा में पारित करने का प्रयास किया था। हालांकि शोर-शराबे के बीच प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी।
खाद्य सुरक्षा कानून का मकसद देश की 67 प्रतिशत जनसंख्या को राशन की दुकानों के माध्यम से 1 से 3 रुपये प्रति किलोग्राम की निर्धारित दर पर 5 किलोग्राम खाद्यान्न का कानूनी अधिकार प्रदान करना है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 15, 2013, 14:55