Last Updated: Friday, September 13, 2013, 00:46

नई दिल्ली : देश की 67 प्रतिशत आबादी को सब्सिडीप्राप्त खाद्यान्न का कानूनी अधिकार दिलाने का लक्ष्य रखने वाले महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हो गई। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने बताया, हमें खाद्य सुरक्षा विधेयक पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि इस कानून को जल्द ही सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद यह प्रभावी हो जाएगा।
केन्द्र सरकार ने इस योजना को लागू करने के संदर्भ में नियम-कानूनों पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों और सचिवों की बैठक आयोजित की है। इस योजना को संप्रग सरकार के संदर्भ में पासा पलट बाजी माना जा रहा है। थॉमस ने कहा कि दो दिन की यह बैठक 3 अक्टूबर से होगी।
लोकसभा ने इस विधेयक को 26 अगस्त को पारित कर दिया था जबकि राज्यसभा में इस विधेयक को 2 सितंबर को मंजूरी दी गई। खाद्य सुरक्षा कानून को सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी पाला पलट बाजी के रूप में देख रही है जबकि विपक्षी दल इसे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले किया गया राजनीतिक हथकंडा बता रहा है।
यह कानून प्रति व्यक्ति प्रत्येक माह पांच किलोग्राम चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3 रुपए, 2 रपए और 1 रुपए की दर से देने की गारंटी करता है। भारत अब उन कुछ देशों में शामिल हो गया है जो अपनी आबादी के बहुलांश हिस्सों को खाद्यान्न आवंटन की गारंटी प्रदान करता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 13, 2013, 00:46