Last Updated: Thursday, December 27, 2012, 00:39
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : दिल्ली गैंगरेप की पीड़ित छात्रा की नाजुक हालत को देखते हुए उसे जीवन रक्षक प्रणाली से लैस एक एयर एंबुलेंस से सिंगापुर के लिए रवाना हो गया है। एयर एंबुलेंस में पीड़ित छात्रा के माता-पिता को भी साथ ले जाया गया है। सफदरजंग अस्पताल प्रबंधन ने इस बात की पुष्टि की।
पिछले 10 दिनों से स्थानीय सफदरजंग अस्पताल में मौत से जंग लड़ रही दिल्ली गैंगरेप की 23 वर्षीय पीड़ित लड़की को बुधवार रात सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है। सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद से ही वेंटिलेटर के सहारे चल रही पीड़िता को एक चार्टर्ड विमान से सिंगापुर ले जाया गया है। सफदरजंग अस्पताल से हवाई अड्डे तक पीसीआर वाहन भी पीड़िता को ले जा रहे काफिले के साथ थे।
सफदरजंग अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि पीड़िता और साथ में सिंगापुर जाने वाले उसके माता-पिता को पासपोर्ट और वीजा मुहैया करा दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने इसकी व्यवस्था की। पीड़िता को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया है। बेहतर इलाज के लिए पीड़िता को सिंगापुर भेजे जाने का फैसला उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का था। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद जब आज दिन में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से यह सवाल किया गया था कि क्या लड़की को इलाज के लिए विदेश भेजा जा सकता है, तो उन्होंने कहा था कि वह चलने-फिरने की स्थिति में नहीं है लेकिन यह सब डॉक्टरों पर निर्भर करता है।
पिछले 10 दिनों में पीड़िता की तीन सर्जरी की गई थी जिनमें दो बड़ी थी। सर्जरी के दौरान उसकी आंत का एक बड़ा हिस्सा हटा दिया गया था। पीड़िता उन दो दिनों को छोड़ अस्पताल में ज्यादातर समय वेंटिलेटर के सहारे ही रखी गई जब उसने खुद से सांस लेना शुरू कर दिया था।
पीड़िता के पिता ने कहा कि उनके परिवार को यह नहीं बताया गया है कि उनकी बेटी को कहां ले जाया जा रहा है। उन्हें बस इतना कहा गया कि वे विमान में सवार हो जाएं। पीड़िता के पिता ने कहा, ‘हम कुछ नहीं जानते। नहीं जानते कि हम कहां जा रहे हैं। हमें बस इतना कहा गया है कि हम विदेश जा रहे हैं। मैं, मेरी पत्नी और पूरा परिवार अपनी बेटी के साथ जा रहे हैं।’ पीड़िता के साथ उसका पूरा परिवार सिंगापुर गया है।
मंगलवार रात पीड़िता की हालत काफी बिगड़ गयी थी। सफदरजंग अस्पताल में बुधवार को पीड़िता की मेडिकल बुलेटिन दो बार टाली गयी क्योंकि हृदय रोग विशेषज्ञ उसका इलाज कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, उसकी नब्ज एक मिनट में 50 बार से कम चल रही थी। कल रात एक डॉक्टर ने कहा था, ‘उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर है।’ नरेश त्रेहन जैसे शीर्ष हृदय रोग विशेषज्ञ पीड़िता का इलाज कर रहे थे। उन्होंने लड़की की सेहत के बारे में अन्य डॉक्टरों से भी विचार विमर्श किया था।
सूत्रों ने कहा कि लड़की को सिंगापुर ले जाने का फैसला सरकार के शीषर्स्थ स्तर पर किया गया। उन्होंने कहा कि सभी जरूरी दस्तावेज कम से कम समय में मुहैया कराए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिंगापुर के अस्पताल से संपर्क साधा था। सूत्रों ने कहा कि सिंगापुर में लड़की के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। पीड़िता के साथ कुछ डॉक्टर भी गए हैं।
मालूम हो कि पूर्व सपा नेता अमर सिंह और अभिनेता रजनीकांत का इलाज भी सिंगापुर के इसी अस्पताल में हुआ था। दोनों को सिंगापुर के इस अस्पताल ने नई जिंदगी दी।
First Published: Wednesday, December 26, 2012, 22:54