Last Updated: Friday, November 4, 2011, 14:14
नई दिल्ली : केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) से व्यापक सलाह मशविरे के बाद तय किया गया है कि ग्रामीण विकास तथा पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्रालयों की स्कीमों की केन्द्र और राज्य स्तरों पर सीएजी ऑडिट हो सकेगी।
रमेश ने कहा कि इस फैसले से केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास कार्यक्रमों पर होने वाले सार्वजनिक व्यय को लेकर जवाबदेही बढ़ेगी । 2011-12 के दौरान केन्द्र सरकार ने दोनों मंत्रालयों की विभिन्न स्कीमों पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे। यह व्यय रक्षा मंत्रालय पर होने वाले सार्वजनिक खर्च के बाद का सबसे बड़ा खर्च है।
उन्होंने कहा कि सीएजी इन स्कीमों की न सिर्फ वित्तीय ऑडिट बल्कि प्रदर्शन ऑडिट भी कर सकेगा। शुरुआत में 12 राज्यों में मनरेगा का प्रदर्शन ऑडिट किया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 4, 2011, 19:45