जनलोकपाल के तीनों मुद्दे पर भाजपा सहमत - Zee News हिंदी

जनलोकपाल के तीनों मुद्दे पर भाजपा सहमत

 



नई दिल्ली. लोकसभा में जनलोकपाल के मुद्दे पर चर्चा करते हुए विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज काफी आक्रामक दिखी. अन्ना हजारे के तीन मुद्दों पर पार्टी की सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि संसदीय विशेषाधिकार भी कायम रहनी चाहिए.

 

प्रभावी लोकपाल बिल पारित करने को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बिल पिछले 42 साल से अटका हुआ है. अब समय आ गया है जब संसद इसे पारित कर नया इतिहास रचे.


उन्होंने संसद में बोलते हुए लोकपाल विधेयक में सिटिजन चार्टर, निचले स्तर के अधिकारी और राज्यों में लाकायुक्त पर अपनी सहमति जताई. उन्होंने कहा कि आज तीन राज्यों में सिटिजन  चार्टर लागू है, इसको लागू करने में सरकार को भी कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिए.


वहीं निचले स्तर के अधिकारियों को लेकर उन्होंन कहा कि उसी के भ्रष्टाचार से आम जनता त्रस्त है, और अगर उनको लोकपाल बिल में शामिल नहीं किया जाएगा तो इससे जनता ठगा हुआ महसूस करेगी. इसलिए उन्होंने अपील की कि इसे भी लोकपाल बिल का हिस्सा बनाया जाए. राज्यों मे लोकायुक्त के मामले में भी उन्होंने अन्ना की मांग से सहमति जताई.  


 


उन्होंने पीएम के पद को भी कुछ अपवादों के साथ लोकपाल के तहत लाने में अपनी सहमति जताई है.   सुषमा स्वराज ने सीबीआई के भ्रष्टाचार विरोधी विंग को भी लोकपाल के दायरे में लाने में अपनी सहमति जताई. उन्होंने सरकार द्वारा सीबीआई के दुरुपयोग पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए जरूरी है कि इसे स्वायत्त बना देना चाहिए. उन्होंने सीबीआई के वर्तमान स्वरूप को सरकार और कांग्रेस पार्टी को बचाओ इंस्टीट्यूशन करार दिया है .


 


इसके अलावा उन्होंने संसद के भीतर सांसदों के विशेषाधिकारों को लोकपाल के दायरे में लाने पर अपनी असहमति जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे सदन की सर्वोच्चता खंडित होगी. इसी तरह उन्होंने न्यायपालिका को भी इसके दायरे में लाने की बजाय एक अलग न्यायिक आयोग बनाने की बात कही.  


 

First Published: Saturday, August 27, 2011, 18:12

comments powered by Disqus