Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 18:34

अहमदाबाद : आसाराम आश्रम ने गुरुवार को इन खबरों को निराधार एवं त्रुटिपूर्ण कहकर खारिज कर दिया कि उसके संस्थापक प्रवचन करने वाले आसाराम मध्य प्रदेश में 700 करोड़ रूपये की जमीन हथियाने के मामले में कथित तौर पर संलिप्त थे।
संतश्री आसाराम आश्रम के केन्द्रीय मीडिया प्रभारी सुनील वानखेड़े ने एक बयान में कहा कि आसाराम के बारे में लगाए गए बयान पूरी तरह से निराधार और गलत हैं तथा उन्हें सिरे से खारिज किया जाता है।
खबरों में कहा गया था कि कंपनी मामलों के मंत्रालय के तहत गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने आसाराम और उनके पुत्र के खिलाफ रतलाम में 200 एकड़ की जमीन हथियाने के आरोप में अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है। जमीन जयंत विटामिंस लिमिटेड (जेवीएल) की है।
वानखेड़े ने कहा कि जेवीएल ने रतलाम में मांग्लय मंदिर बनवाया है और उपयुक्त जमीन के रखरखाव और निगरानी के लिए एक न्यास स्थापित किया है।
बयान में कहा गया है कि श्रीनारायण साई (आसाराम के पुत्र) इस न्यास के न्यासियों में से एक हैं। इसमें कहा गया कि हमारी जानकारी के अनुसार एसएफआईओ की रिपोर्ट में शुरू में कहा गया था कि मैसर्स जयंत विटामिंस लि. के पूर्व निदेशकों के खिलाफ कुछ आरोप हैं। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने कंपनी और अन्य संबंधित मुद्दों पर कंपनी कानून के नियमों का पालन नहीं किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 17, 2013, 18:34