दुर्गा निलंबन मामले में सपा-केंद्र के बीच तनातनी और बढ़ी । Row over Durga Shakti Nagpal intensifies between UP govt, Centre

दुर्गा निलंबन मामले में सपा-केंद्र के बीच तनातनी और बढ़ी

दुर्गा निलंबन मामले में सपा-केंद्र के बीच तनातनी और बढ़ीनई दिल्ली/लखनऊ : निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में सोमवार को समाजवादी पार्टी और केंद्र सरकार में टकराव बढ़ता दिखाई दिया जहां सपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला सही और अंतिम है। पार्टी ने केंद्र पर राज्य से सभी आईएएस अधिकारियों को हटाने का ताना तक मार दिया।

उधर, स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उस इबादतगाह की दीवार जेवर तहसील के उपजिलाधिकारी की मौजूदगी में ढहायी गई थी और निलंबित की गईं आईएएस अधिकारी उस समय मौके पर मौजूद नहीं थीं।

सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आईएएस अधिकारी दुर्गा को निलंबित करने का फैसला उचित है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह सही है। यह अंतिम है। निलंबन के आदेश को रद्द किये जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मुलायम ने ‘नहीं’ में उत्तर दिया। इस मुद्दे पर सपा और केंद्र में टकराव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र इस मामले में राज्य सरकार के साथ संपर्क में हैं और निर्धारित नियमों का पालन किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा का ऐसा ही रवैया लखनऊ में भी सामने आया जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि गल्ती करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाएगा। 2010 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गा के निलंबन को सही ठहराने वाले अखिलेश ने एक समारोह में कहा कि यहां कई बच्चे हो सकते हैं जो बता सकते हैं कि गलती करने पर उनके शिक्षकों और माता-पिता ने उनकी पिटाई की होगी। सरकार भी इसी तरह चलती है। जब भी कोई अधिकारी कुछ गलत करता है तो उसे दंडित किया जाता है।

सपा नेता राम गोपाल यादव ने दिल्ली में कहा कि अगर केंद्र सरकार हस्तक्षेप चाहती है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारियों को हटा सकती है। हम अपने अधिकारियों के साथ प्रदेश को चला लेंगे। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि निलंबित की गयीं अधिकारी को नियमों के तहत अपील करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक हमसे संपर्क नहीं किया है। अगर वह हमें अपनी अपील भेजती हैं तो हम इसकी प्रतिलिपि राज्य सरकार को भेजेंगे और उसका जवाब मांगेंगे। उसके बाद हम आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे। सामान्य रूप से अधिकारी राज्य सरकार से संपर्क करते हैं। हम स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई नहीं कर सकते।

गौतमबुद्ध नगर की 28 वर्षीय एसडीएम दुर्गा शक्ति को 27 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके पीछे कथित तौर पर बिना आवश्यक प्रक्रिया का पालन किये एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश दिये जाने की वजह बताई थी। दुर्गा जिले में रेत माफिया पर अपनी कार्रवाई को लेकर चर्चा में रहीं। निलंबन के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि हम इस विषय का पूरा ब्योरा हासिल करने के लिए राज्य सरकार के साथ संपर्क में हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार निलंबन के विवादास्पद मुद्दे पर उप्र सरकार द्वारा उसे भेजी गई रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि निलंबन की जानकारी से संबंधित रिपोर्ट कार्मिक मंत्रालय को प्राप्त हुई है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से जुड़े प्रशासनिक मामलों को देखता है। केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार को दुर्गा के निलंबन के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए तीन बार पत्र लिखा। तीसरे पत्र के बाद और अधिकारी के निलंबन के एक हफ्ते बाद रिपोर्ट भेजी गई। केंद्र सरकार ने कल उप्र सरकार से कहा था कि 2010 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गा के निलंबन पर तत्काल रिपोर्ट दी जाए। केंद्र सरकार ने रिपोर्ट के लिए ताजा पत्र तब लिखा जब राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि दुर्गा के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

नियमों के अनुसार कोई आईएएस अधिकारी उस पर लगाये गये आरोपों पर अधिकतम 10 दिन में जवाब दे सकता है या सकती है। मुख्यमंत्री अखिलेश ने लखनउ में सपा कार्यालय में आयोजित एक अन्य समारोह में कहा कि देश में कई एसडीएम अधिकारियों को निलंबित किया गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में इस कार्रवाई पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है। अखिलेश ने कहा कि मीडिया मेरी सरकार के पीछे पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार चलाना मुश्किल है। 10 साल की राजनीति की तुलना में एक साल सरकार चलाना ज्यादा कठिन है। अखिलेश ने कहा कि मायावती की पिछली सरकार में एक आईएएस अधिकारी ने खुदकुशी कर ली थी और उनके समय अधिकारी जूते उतारकर मुख्यमंत्री कार्यालय में जाते थे।

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि आईएएस अधिकारी के साथ बहुत अन्याय किया गया है। उन्हें निलंबित किया गया है और उन पर आरोपपत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। इसे माफिया और असामाजिक तत्व चला रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 6, 2013, 00:37

comments powered by Disqus