Last Updated: Friday, March 29, 2013, 19:09
नई दिल्ली : केरल, नागालैंड, ओडिशा और मिजोरम सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाई धर्म के लोग आज गुड फ्राइडे के मौके पर गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा में शामिल हुए, प्रायश्चित के गीत गाये और व्रत रखा। आज ही के दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था।
विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में लोगों ने लकड़ी के सलीब को लेकर जुलूस निकाला। सभी सरकारी कार्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में आज के दिन अवकाश था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विभिन्न गिरजाघरों में लोग जमा हुए। केरल में ईसाई समुदाय के लोगों ने सुख साधन की वस्तुओं से परे आज से दो हजार साल पहले ईसा मसीह की तकलीफों और उन्हें सूली पर चढ़ाए जाने की घटना को याद करते हुए बिताया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गिरिजाघरों में जुटे, जहां इस दिन के लिए विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया था।
इस अवसर पर राज्य में वे ऑफ क्रॉस’ नामक आध्यात्मिक यात्रा निकली गई। इसमें शामिल श्रद्धालुओं ने लकड़ी का क्रॉस लेकर ईसा मसीह के अंतिम क्षणों को याद किया। लकड़ी के क्रॉस और जप की माला को थामे सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कोच्चि स्थित मालायत्तूर की पहाड़ियों पर चढ़कर प्रसिद्ध सेंट थॉमस गिरिजाघर गए। ऐसा माना जाता है कि संत थॉमस ने 52 ईस्वी में इस गिरिजाघर की यात्रा की थी।
राज्य की राजधानी में गुड फ्राइडे’ की सेवाएं सेंट जॉर्ज ऑर्थोडॉक्स सीरियन कैथेड्रल, मटीर मेमोरियल चर्च और सेंट जोसेफ मेट्रोपोलिटन चर्च समेत सभी बड़े गिरिजाघरों में आयोजित की गई। नागालैंड की राजधानी कोहिमा के कैथोलिकों ने मुख्य सड़कों पर मौन मार्च किया। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिले कंधमाल समेत पूरे ओडिशा में ईसाई लोगों ने ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाये जाने की याद में शोक व्यक्त किया।
ईसाई बहुल मिजोरम में आज गुड फ्राइडे पूरे धार्मिक रीति रिवाज के साथ मनाया गया। कैथलिक चर्च के सदस्यों ने यहां एजल और अन्य स्थानों पर सलीब का जुलूस’ निकाला और सलीब पर ईसा मसीह के कष्ट को याद करने के लिये समूह में इकट्ठा हुए। पूरे राज्य में चर्च की घंटियां बजी और लोग पूर्जा अर्चना के लिये चर्च गए तथा पादरियों ने ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाये जाने का प्रसंग सुनाया और उपदेश दिया। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 29, 2013, 19:09