Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 07:52

नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने रेल बजट के भविष्य पर सवाल उठाते हुए गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार और इस बजट का भविष्य, दोनों अंधेरे में है। देश में संवैधानिक संकट गहरा गया है। भाजपा नेता सुषमा ने सदन में कहा कि रेल बजट संसद के समक्ष है। क्या प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री इससे खुद को अलग कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की ओर से बुधवार को पेश किया गया रेल बजट, दोनों का भविष्य अंधेरे में है।
सरकार ने दोनों सदनों में सदस्यों को बताया कि उन्हें त्रिवेदी के इस्तीफे की सूचना नहीं मिली है, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी लगातार किराया वृद्धि वापस लेने की मांग कर रही हैं।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि देश संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है। रेल बजट पेश करने के कुछ ही घंटे बाद रेल मंत्री के इस्तीफे की खबर आती है। एक अन्य मंत्री (हरीश रावत) इस्तीफा देकर कोपभवन में बैठे हैं। सरकार बताए कि अभी दिनेश त्रिवेदी रेल मंत्री हैं या नहीं। कल पेश रेल बजट जिंदा है या नहीं? प्रणब ने कहा कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है।
रेल बजट के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी की जरूरी नहीं होती, कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। इसे वित्त मंत्री की मंजूरी प्राप्त होती है। वित्त मंत्री के रूप में मैं इसकी (रेल बजट) जिम्मेदारी लेता हूं। सुषमा ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि रेल बजट की जिम्मेदारी किसकी है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 13:22