नरेंद्र मोदी के समर्थन में सामने आई बीजेपी, वंजारा को बताया हताश । BJP stands by Narendra Modi, calls DG Vanzara frustrated

नरेंद्र मोदी के समर्थन में सामने आई बीजेपी, वंजारा को बताया हताश

नरेंद्र मोदी के समर्थन में सामने आई बीजेपी, वंजारा को बताया हताश ज़ी मीडिया ब्‍यूरो/बिमल कुमार

अहमदाबाद : फर्जी मुठभेड़ों के मामले में निलंबित हुए और जेल में बंद विवादास्पद आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया तथा नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘पाकिस्तान द्वारा प्रेरित आतंकवाद’ से लड़ने वाले पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।

वंजारा ने मोदी और उनके सिपहसालार अमित शाह के खिलाफ नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दिया। वंजारा के इस्‍तीफे के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरी तरह एकजुटता के साथ नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी हो गई है। वहीं, बीजेपी ने वंजारा को हताश और निराश तक करार दे दिया।

गुजरात बीजेपी के प्रवक्‍ता जय नारायण व्‍यास ने बुधवार को कहा कि वंजारा के इस्‍तीफे का कोई मतलब नहीं है और वह पहले से ही निलंबित हैं। व्‍यास ने यह भी कहा कि वंजारा का यह कदम आक्रोश और हताशा से भरा है। जिसके चलते वंजारा ने इस तरह के आरोप लगाए।

वंजारा ने मोदी पर यह आरोप उस दिन लगाए जब कांग्रेस ने एक स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मोदी के इस्‍तीफे की मांग की, जिसमें इस बात का दावा किया गया है कि तुलसी प्रजापति केस में अमित शाह को बचाने के लिए वरिष्‍ठ बीजेपी नेताओं की योजनाओं का खुलासा है। हालांकि वंजारा ने अब तक मोदी के शासनकाल में फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों को ठुकराया है।

गौर हो कि वंजारा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मोदी के करीबियों में गिने जाते थे। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा कि कथित फर्जी मुठभेड़ों में शामिल पुलिस अधिकारियों ने सरकार की ‘सोची समझी नीति’ का कार्यान्वयन किया और ऐसे में उसका (सरकार) स्थान ‘नवी मुंबई स्थित तालोजा केंद्रीय कारागार’ अथवा ‘अहमदाबाद स्थित साबरमती कारागार’ में होना चाहिए। साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद वंजारा ने 10 पृष्ठों के त्यागपत्र में राज्य सरकार, खासकर पूर्व गृह राज्य रिपीट राज्य मंत्री अमित शाह पर उन्हें और 32 अधिकारियों को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजा है।

वंजारा ने खुले पत्र में लिखा है कि मोदी को वे भगवान की तरह मानते थे, लेकिन दिल्ली की दौड़ में वह जेल में बंद अपने उन अधिकारियों को भूल गए जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लड़े। वंजारा ने एक सितंबर को साबरमती जेल से गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि सरकार की नाक के नीचे से सीआइडी क्राइम ब्रांच ने मुझे गिरफ्तार किया और सरकार कुछ नहीं कर सकी। वहीं, जब अमित शाह गिरफ्तार हुए तो सरकार पूरी रणनीति के साथ उनके बचाव में उतर आई। अपने अधिकारियों को बचाना तो दूर मोदी और शाह ने कभी हमारी सुध तक नहीं ली।

वंजारा ने पत्र में अपना दुख जताते हुए कहा कि मोदी ने मुठभेड़ का राजनीतिक लाभ उठाया। मोदी पूरी तरह अमित शाह के प्रभाव में हैं। शाह ने अधिकारियों का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए किया। उनकी नीति फूट डालो ओर राज करो की रही है। गृह विभाग ने हालांकि ऐसा कोई पत्र मिलने से इन्कार किया है। वंजारा एक समय गुजरात के सुपरकॉप और मुख्यमंत्री मोदी के चहेते अफसर माने जाते थे। उन पर गैंगस्टर सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ में हत्या, उसकी पत्नी कौसरबी की हत्या, तुलसीराम प्रजापति, इशरत जहां और सादिक जमाल मुठभेड़ समेत करीब एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में वह छह साल से जेल में बंद हैं।

First Published: Wednesday, September 4, 2013, 10:38

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