Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 19:07
ज़ी मीडिया ब्यूरोजोधपुर: नाबालिग से यौन शोषण मामले में आरोपी आसाराम की जमानत याचिका जोधपुर अदालत ने आज खारिज कर दी है। आसाराम को 12 दिन और 15 सितंबर तक जेल में रहना होगा। इससे पहले आज सुबह पुलिस 11 बजे आसाराम को लेकर कोर्ट पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई के बाद दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हुई उसके बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता आनंद पुरोहित ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ग्रामीण) मनोज व्यास की कोर्ट में अपना पक्ष रखा। पुरोहित ने जज को बताया घटना के बाद पीडिता सदमे में थी, इसलिए एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई। उन्होंने कहा, जिसे भगवान माना, उसने यह कृत्य किया।
महाअधिवक्ता ने कहा कि मामले की जांच कर रहे पुलिस उपायुक्त अजयपाल लांबा को धमकियां मिल रही हैं। धमकी में कहा गया है कि मामला कुछ दिनों का ही है, बाबा जल्दी बाहर आ जाएंगे। इसके बाद आप से निपट लेंगे। यही नहीं, मामले को कमजोर करने के लिए पुलिस को प्रलोभन दिए जा रहे हैं। वहीं आसाराम की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता केके मेनन ने अपने तर्क रखे।
अभियोजन पक्ष ने यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम की जमानत अर्जी का अदालत में यह कहते हुए विरोध किया कि यदि उन्हें जमानत दे दी जाती है तो उससे जांच प्रभावित होगी। अभियोजन पक्ष ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ग्रामीण) की अदालत से कहा कि जांच के दौरान आसाराम ने कथित रूप से पुलिस को प्रभावित करने की कोशिश की और इस तथ्य के आलोक में, यदि उनके जमानत आवेदन पर विचार कर लिया जाता है तो वह आगे भी जांच को प्रभावित करने का प्रयास सकते हैं।
अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने कहा कि प्राथमिकी में उल्लेखित शिल्पी (छिंदवारा गुरूकुल में छात्रावास की अधीक्षक) और शरद (गुरूकुल के केयरटेकर) फरार चल रहे हैं एवं जांच पूरी करने के लिए उनसे पूछताछ जरूरी है।
पुरोहित ने अपराध स्थल जोधपुर के बजाय दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज करने को भी सही ठहराया और कहा कि लड़की के साथ जो कुछ हुआ, उसने उसके बारे में पहले अपने माता-पिता को नहीं बताया और जब उनके माता-पिता को इस घटना के बारे में पता चला तब वे आसाराम का मुकाबला करने दिल्ली गए। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि जब आसाराम ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया तब लड़की के पिता ने दिल्ली के एक थाने में मामला दर्ज कराया।
72 वर्षीय आसाराम को गत सोमवार को तब जेल भेज दिया गया था जब यहां की एक अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पीड़िता द्वारा दर्ज करायी गई उस प्राथमिकी के बाद आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। आसाराम के वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मीडिया के दबाव में काम किया और उसने प्राथमिकी जल्दबाजी में तैयार की। उन्होंने दलील दी कि आसाराम के खिलाफ प्राथमिकी कहीं नहीं टिकती क्योंकि उसमें कई खामियां हैं। आसाराम के खिलाफ कथित उत्पीड़न मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 342, 506, और 509 तथा बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोस्को) की धारा आठ और किशोर न्याय कानून की धारा 23 और 26 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 17:35