Last Updated: Friday, April 13, 2012, 03:08
नई दिल्ली: एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह गैर जमानती वारंट के खिलाफ नूपुर तलवार की याचिका लंबित रहने के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी।
इससे पहले नुपूर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सीबीआई ने उनके आवास पर छापेमारी की थी। जैसे ही नूपुर की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति जे एस खेहर ने उनके खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई पर नाखुशी जताई और कहा कि उनकी रक्षा की जानी है।
कोर्ट के मूड को भांपते हुए जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल हरेन रावल ने कहा कि उनके खिलाफ दबाव डालने वाली कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
रावल ने न्यायालय को सूचित किया कि सीबीआई को उनके मूवमेंट की भलीभांति जानकारी थी लेकिन उसने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। पीठ ने रावल की दलीलों को सुनने के बाद कहा, ‘हमें आपमें पूरा विश्वास है।’ इसके बाद पीठ ने नूपुर की याचिका को प्रधान न्यायाधीश के पास भेज दिया ताकि वह इसकी सुनवाई के लिए उचित पीठ का निर्धारण कर दें।
पीठ ने कहा कि गलत धारणा के तहत उसने गुरुवार को नूपुर की याचिका पर विचार किया था। उसने समझा था कि यह उसकी समीक्षा याचिका का हिस्सा है, जिसपर उसे सुनवाई करनी है।
जब मामले पर सुनवाई हो रही थी तो उस दौरान नूपुर भी अदालत में मौजूद थीं। वह अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के मामले में कथित तौर पर गिरफ्तारी से बच रही हैं।
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में गिरफ्तारी से बचने के लिए नूपुर ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसमें उन्होंने गाजियाबाद की निचली अदालत द्वारा अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को चुनौती दी थी।
सीबीआई ने नूपुर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद गत 11 अप्रैल को उनके दिल्ली और नोएडा स्थित परिसरों की तलाशी ली थी लेकिन वह उनका पता नहीं लगा सकी थी। नूपुर और उनके पति राजेश तलवार अपनी बेटी और घरेलू नौकर की हत्या के करीब चार साल पुराने मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
आरुषि तलवार दंपति के नोएडा स्थित आवास में 15 और 16 मई 2008 की दरम्यानी रात को मृत पाई गई थी। उसका गला रेता हुआ था। अगले दिन मकान की छत से हेमराज का भी शव बरामद किया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, April 14, 2012, 09:43