Last Updated: Tuesday, July 2, 2013, 12:41

नई दिल्ली : नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को इसे ‘भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में मील का पत्थर’ करार दिया। प्रधानमंत्री ने उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार वैज्ञानिकों को बधाई दी।
एक बयान में उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम देश के सामाजिक आर्थिक विकास में उत्तरोत्तर बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बीती देर रात पोलर रॉकेट पीएसएलवी से प्रक्षेपित नौवहन उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया गया। यह भारत का पहला नौवहन उपग्रह है और इसके प्रक्षेपण के साथ ही भारत चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो कर अंतरिक्ष कार्यक्रम के नए दौर में पहुंच गया है। यह उपग्रह भारत को अमेरिका के जीपीएस का विकल्प मुहैया कराएगा।
पीएसएलवी-सी22 ने यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से बीती रात ठीक 11 बजकर 41 मिनट पर आईआरएनएसएस-1ए उपग्रह के साथ उड़ान भरी। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद, आधी रात से कुछ समय पश्चात यानी तकनीकी तौर पर मंगलवार को रॉकेट ने आईआरएनएसएस-1ए को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया। आईआरएनएसएस-1ए उन सात उपग्रहों की श्रृंखला में से पहला उपग्रह है जिसे भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के लिए छोड़ा जाना है।
सात उपग्रहों की यह श्रृंखला ‘स्पेस सेगमेंट’ और ‘ग्राउंड सेगमेंट’ दोनों के लिए है। आईआरएनएसएस के तीन उपग्रह भूस्थिर कक्षा (जियोस्टेशनरी ऑर्बिट) के लिए और चार उपग्रह भूस्थतिक कक्षा (जियोसिन्क्रोनस ऑर्बिट) के लिए हैं। यह श्रृंखला वर्ष 2015 से पहले पूरी होनी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 2, 2013, 12:41