Last Updated: Wednesday, August 15, 2012, 19:41

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को अपने उस आरोप के लिए राजनीतिक दलों और प्रख्यात वकीलों के निशाने पर आ गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसे उदाहरण हैं जब अदालतों के फैसले पैसे लेकर दिए। भाजपा ने कहा कि न्यायपालिका के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया सवाल ठीक नहीं है जबकि माकपा ने उनके बयान को संवैधानिक संस्था पर दबाव बनाने की ‘रणनीति’ करार दिया।
भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के लिये संवैधानिक संस्था के खिलाफ इस तरह का अप्रमाणित आरोप लगाना अनुचित है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिये था। उन्होंने कहा कि यदि ममता ने ऐसा कहा है तो उन्हें अपने आरोप को साबित करने के लिए जरूरी साक्ष्य पेश करना चाहिए। माकपा के नेता मोहम्मद सलीम ने इस विवादास्पद बयान के लिये ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने यह बयान सदन के अंदर दिया।
सलीम ने कहा कि जो उनके साथ नहीं है, उन सभी को उन्होंने निशाना बनाया है। स्वाभाविक रूप से सभी को उनके दबाव के आगे सिर झुकाना होगा। यह रणनीति है। प्रख्यात वकील सोली सोराबजी ने कहा कि उन मामलों के बारे में वह क्या कहेंगी जो वह अदालत में जीती हैं? न्यायाधीशों को किसने धन दिया? ममता? यह आरोपों की असंगति को दर्शाता है। मेरा मतलब है कि एक परिपक्व प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी। मुझे बहुत खेद है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 15, 2012, 19:41