Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 12:12
नई दिल्ली : देशभर में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण ढांचे को पूरी तरह अपर्याप्त बताते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने मौजूदा क्षमता में इजाफे के लिए विशेषज्ञों की एक समिति के गठन की सिफारिश की है।
पंचायत राज संस्थानों संबंधी संसद की स्थायी समिति ने ‘पंचायत राज संस्थाओं में क्षमता निर्माण’ पर संसद में पेश की गयी अपनी रिपोर्ट में निराशा के साथ इस बात का उल्लेख किया है कि पंचायतों के 29 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कतई संतोषजनक नहीं है । इन प्रतिनिधियों में 10 लाख महिला प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
समिति ने सिफारिश की है कि पंचायती राज मंत्रालय को अपने मौजूदा प्रशिक्षण नेटवर्क के विस्तार के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करना चाहिए। विभिन्न राज्यों के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए समिति ने कहा है कि मध्य प्रदेश में 50 जिलों के 3.96 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए केवल एक ग्रामीण विकास राज्य संस्थान (एसआईआरडी), सात पंचायत प्रशिक्षण केंद्र और छह एक्सटेंशन ट्रेनिंग सेंटर्स (ईटीसी) हैं ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में 1.3 लाख प्रतिनिधियों के लिए केवल एक एसआईआरडी और तीन ईटीसी हैं। समिति ने कहा है कि पंचायती राज मंत्रालय इस बात पर सहमत हो गया है कि 29 एसआईआरडी और 78 ईटीसी में मौजूदा प्रशिक्षण ढांचे में कई गुणा बढोतरी की जरूरत है। समिति ने निर्वाचित प्रतिनिधियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के मूल्यांकन की कोई व्यवस्था नहीं होने पर भी नाराजगी जाहिर की है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 18, 2013, 12:12