Last Updated: Tuesday, March 6, 2012, 07:51
चंडीगढ़ : पंजाब में पिछले चार दशकों में जो नहीं हुआ वह शिरोमणि अकाली दल (एसएडी)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन ने कर दिखाया। सत्ता विरोधी रुझानों को दरकिनार करते हुए इस गठबंधन ने लगातार दूसरी बार पंजाब की सत्ता पर कब्जा जमाया है। राज्य की 117 सीटों में से अकाली-भाजपा गठबंधन ने 68 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है जबकि कांग्रेस तमाम कोशिशों के बावजूद 46 सीटों पर आकर सिमट गई। अकाली दल को 56 सीटों पर विजय हासिल हुई है तो भाजपा को 12 सीटों पर फतह मिली है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जहां जीत पर खुशी जताई है, वहीं कांग्रेस ने चुनाव नतीजों पर 'हैरानी' जताई है।
निर्वाचन आयोग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अकाली दल-भाजपा गठबंधन राज्य की 117 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटें जीत चुका है जबकि कांग्रेस 46 सीटों पर जीत चुकी है। तीन सीटें अन्य उम्मीदवारों के खाते में गई हैं। कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए यह गठबंधन लगातार दूसरी बार राज्य की सत्ता में वापस आया है। यह अपने आप में एक इतिहास है। पिछले करीब चार दशक में कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने में कामयाब नहीं रही।
चुनाव परिणाम से बेहद खुश दिख रहे प्रकाश सिंह बादल (84) ने गांव बादल में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मैं पंजाब की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझमें दोबारा विश्वास दिखाया। उनके प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उनकी वजह से हमें इतनी बड़ी जीत मिली है। पुत्र व अकाली दल के अध्यक्ष तथा राज्य के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साथ प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि हमारी जीत के दो कारण हैं। हम राज्य में शांति एवं विकास का एजेंडा लेकर लोगों के पास गए। मैं खुश हूं कि हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरे। नई सरकार में हम और मेहनत से काम करेंगे।
लाम्बी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कांग्रेस उम्मीदवार व अपने चचेरे भाई महेशिंदर सिंह बादल को 24,739 मतों से पराजित किया जबकि जलालाबाद सीट से उनके बेटे व अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल 50,246 मतों से जीत हासिल की। सुखबीर ने निर्दलीय उम्मीदवार हंसराज जोसान को पराजित किया। क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए भाजपा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने अमृतसर पूर्व से जीत हासिल की है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार सिमरप्रीत कौर को 7099 मतों से हराया। पूर्व ओलम्पिक खिलाड़ी परगट सिंह भी जीत गए हैं। उन्होंने अपने निकटमत कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी जगबीर सिंह बरार को 6798 मतों से हराया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया भी जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राजिंदर बेरी को 1065 मतों से हराया। अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र से 42,000 मतों के अंतर से जीत गए, जबकि उनके बेटे रनिंदर सिंह समाना सीट से चुनाव हार गए। उन्हें अकाली दल के सुरजीत सिंह रखरा ने सात हजार से अधिक मतों से हराया।
पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजिंदर कौर भट्टल ने लहरा विधानसभा सीट बरकरार रखी। उन्होंने शिरोमणि आकली दल के सुखवंत सिंह को 3355 मतों से हराया। पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पीपीपी) के प्रमुख मनप्रीत सिंह बादल गिदरबाहा और मौर दोनों विधानसभा सीटों से हारे। वित्त मंत्री उपिंदरजीत कौर (एसएडी) सुल्तानपुर लोधी सीट से कांग्रेस के नवतेज सिंह से 4298 मतों से हार गई हैं। सहकारिता मंत्री रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा खदूर साहब से कांग्रेस के रमनजीत सिंह से हार गए हैं।
शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आगामी आठ मार्च को नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक बुलाई है जबकि उसी दिन दोनों सहयोगी भी बैठक करेंगे। अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक से पूर्व वृहस्पतिवार को विजयी गठबंधन के दोनों सहयोगी अकाली दल और भाजपा सरकार गठन की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिये बैठक करेंगे। अपनी जीत से उत्साहित सुखबीर ने कहा कि इस जनादेश से साफ संदेश दिया गया है कि मतदाता उसे ही वोट देंगे जो काम करेगा। अकाली भाजपा गठबंधन ने 2007 के विधानसभा चुनाव में 69 सीटें जीती थीं । एसएडी ने जहां 50 सीटों से आगे बढ़कर अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, वहीं भाजपा को सात सीटों का नुकसान हुआ है।
कांग्रेस के अन्य विजेताओं में जोगिंदर सिंह (जैतो) , राजकुमार (अमृतसर पश्चिमी), केवल ढिल्लों (बरनाला), एसएएस नागर (मोहाली) और बलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं। अकाली उम्मीदवार जनमेजा सिंह (मौर) , हरमीत सिंह संधु (तरनतारन), गुरबचन सिंह बब्बेहाली (गुरदासपुर) और अजीत सिंह कोहाड़ (शाहकोट) अपनी अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल के विजेताओं में मनप्रीत सिंह (डैखा) , पवन कुमार टीनू (आदमपुर) , शरणजीत सिंह ढिल्लों (साहनीवाल) , सरवन सिंह (करतारपुर) , मंतर सिंह बराड़ (कोटकपूरा) और सिकंदर सिंह मलूका (रामपुरा फूल) से शामिल हैं। भाजपा विजेताओं में पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक मनोरंजन कालिया (जालंधर मध्य), पूर्व मंत्री मदन मोहन मित्तल (आनंदपुर साहब) तथा पूर्व आईएएस अधिकारी सोमप्रकाश फगवाड़ा शामिल हैं। कांग्रेस ने तलवंडी साबो, अमृतसर मध्य, राजपुरा, नाभा और पटियाला सीटें जीत ली, जबकि एसएडी ने बालाचौर, अटारी, फरीदकोट और घानौर सीटों पर विजय हासिल की।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने पटियाला सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। उन्होंने एसएडी के सुरजीत सिंह कोहली को 42 हजार 318 मतों से पराजित किया। एसएडी के गुलजार सिंह रानिके ने अटारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है । उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तरसेम सिंह (कांग्रेस) को चार हजार 983 मतों से हराया। दीप मल्होत्रा (एसएडी) वर्तमान विधायक अवतार सिंह बराड़ (कांग्रेस) को 2727 मतों से हराकर फरीदकोट से विजयी रहे। एसएडी की ही हरप्रीत कौर ने कांग्रेस के मदनलाल जलालपुर को घानौर से 1778 मतों से पराजित किया। भाजपा सांसद नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने अमृतसर पूर्वी से निर्दलीय उम्मीदवार सिमरप्रीत कौर को 7099 मतों से हराया।
पंजाब में नई सरकार के शपथ-ग्रहण से पहले गुरुवार को अकाली दल और भाजपा के बीच बैठक की संभावना है। उधर, कांग्रेस ने चुनाव में हार स्वीकार कर ली है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि हमने हार स्वीकार कर ली है। हम देखेंगे कि कहां गलती हुई। चुनाव नतीजों पर हैरानी जताते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। नतीजे चौंकाने वाले हैं। दरअसल, कांग्रेस को उम्मीद थी कि राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के अकाली दल से अलग होने के कारण सत्ताधारी गठबंधन कमजोर होगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अकाली दल से अलग होकर पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गठन करने वाले मनप्रीत स्वयं मौर और गिदड़बाहा, दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव हार गए। पीपीपी एक भी सीट नहीं जीत सकी है और इस हार से यह साफ हो गया है पंजाब में तीसरा मोर्चा फिलहाल दूर की कौड़ी है।
जीतने वाले जाने माने चेहरों में अमृतसर पूर्वी से नवजोत कौर, राज्य कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह (पटियाला), एसजीपीसी पूर्व प्रमुख जागीर कौर, ओलंपकि चैम्पियन परगट सिंह और पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा शामिल हैं। हारने वाले जाने माने चेहरों में अमरिंदर के बेटे रनिंदर सिंह (समाना) एएसएडी मंत्री उपिंदरजीत सिंह सेखवान, टी सूद :भाजपा: और पंजाब विधानसभा के उपाध्यक्ष सतपाल गोसाईं :भाजपा: शामिल हैं। कांग्रेस उम्मीदवार जीत मोहिंदर सिहं सिद्धू तलवंडी साबो सीट बचाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने एसएडी के अमरजीत सिंह सिद्धू को 8524 मतों के अंतर से हराया। अन्य कांग्रेस विजेता ओमप्राकश सोनी (अमृतसर मध्य), हरदयाल सिंह (राजपुरा) तथा साधू सिंह (नाभा) शामिल हैं। अकाली दल के नंदलाल ने बालाचौर सीट पर कब्जा बरकरार रख बसपा के शिवराम सिंह को 14 हजार 857 मतों के अंतर से चुनौती दी।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 7, 2012, 13:39