Last Updated: Monday, January 14, 2013, 21:58
ज़ी न्यूज ब्यूरोइलाहाबाद : कुंभ में स्नान का बड़ा महत्व है। यहीं वजह है कि सनातन परंपरा में जब भी कुंभ का आयोजन होता है, तब बड़ी तादाद में साधू-संतों के साथ श्रद्धालुओं का भी जमावड़ा लगता है। इलाहाबाद कुंभ में भी पहले शाही स्नान के मौके पर लाखों लोगों ने साधू-सन्यासियों के साथ स्नान किया और पुण्य कमाया।
पहले शाही स्नान के मौके पर महापंचायती निवार्णी अखाड़े ने सबसे पहले स्नान किया। इसके बाद एक-एक कर क्रम बद्ध तरीके से दूसरे अखाड़ों ने संगम पर डूबकी लगाई। संतों के मुताबिक दूसरे और तीसरे शाही स्नान के मौके पर भी अखाड़ों का क्रम यही रहेगा। लेकिन दूसरे शाही स्नान के दो दिन पहले कुछ नगा साधुओं को संन्यास की दीक्षा दी जाएगी।
कुंभ के मौके पर संन्यास की दीक्षा विद्वान ब्राह्मणों और संतों की देखरेख में संपन्न होता है और ये रात के वक्त किया जाता है। इसमें संन्यास लेने वाले साधू अंतिम बार अपने पितरों को याद करते हैं।
First Published: Monday, January 14, 2013, 21:58