Last Updated: Monday, December 10, 2012, 16:42
नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने सोमवार को कहा कि सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को नौकरी में प्रोन्नति देने सम्बंधी विधेयक पर सहमति के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) को मनाने का प्रयास करेगी। इस विधेयक को पारित कराना सरकार के लिए कठिन परीक्षा साबित हो सकती है क्योंकि सपा इसका विरोध कर रही है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समर्थन कर रही है।
कमल नाथ ने मीडिया से कहा, "आरक्षण विधेयक राज्यसभा की पहली सूची में है। हम सपा को मनाने का प्रयास करेंगे।"
उन्होंने कहा कि यह विधेयक पारित कराना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसे पिछले सत्र में ही उच्च सदन में लाया गया था।
मंत्री ने कहा, "इस विधेयक को पिछले सत्र में राज्यसभा में लाया गया था। इस पर बहस शुरू हो चुकी थी, इसलिए यह ज्वलंत कार्य है। इसमें कुछ भी नया नहीं है।"
सपा ने हालांकि इस विधेयक का विरोध जारी रखना और इसे पारित न होने देना तय कर लिया है।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, "हम इसका विरोध करेंगे और सरकार से कहेंगे कि वह कार्यसूची से इस विवादास्पद मुद्दे को हटाए ताकि सदन की कार्यवाही चल सके।"
उन्होंने कहा, "यह समाज को बांटने वाला विधेयक है। इस आरक्षण से सामान्य वर्ग, पिछड़ों तथा अन्य सभी वर्गो के लोग प्रभावित होंगे। दूसरों के अधिकार छीनकर आप किसी एक को लाभ कैसे दे सकते हैं।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि वह आम तौर पर आरक्षण के पक्ष में है लेकिन वास्तविक रूप से उसने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "समाज के सभी वर्गो, चाहे अनुसूचित जाति हो, पिछड़ा वर्ग या अल्पसंख्यक, इन्हें मुख्यधारा में आना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमें देखना है कि सरकार इस विधेयक को क्या रूप देती है, उसके बाद हम अपना रुख तय करेंगे।"
उल्लेखनीय है कि मौजूदा सत्र में इस विधेयक पर मतभेद के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 10, 2012, 16:42