Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 09:54

कोलकाता : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और अन्य ‘जनता’ से जुड़े मुद्दों को लेकर संप्रग सरकार से तृणमूल कांग्रेस के छह मंत्रियों के इस्तीफे के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टिप्पणी की, ‘मैं भले ही काट नहीं सकती लेकिन हमेशा फुफकार तो सकती ही हूं।’
ममता स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक गुरू श्री रामकृष्ण परमहंस से संबंधित एक लोककथा का संदर्भ दे रही थीं। माना जाता है कि रामकृष्ण ने कोबरा प्रजाति के एक सर्प से कहा था कि वह लोगों को काटे नहीं बल्कि वह केवल फुफकार कर ही लोगों को डरा सकता है।
ममता ने यहां ताल्लाह पार्क में राज्य सरकार की जल परियोजना स्थल पर कहा, ‘मैं भले ही काट नहीं सकती लेकिन फुफकार तो सकती ही हूं। अगर जनता के अधिकारियों पर खतरा मंडराएगा तो हम फुफकारेंगे। हम मां, माटी, मानुष के सामने अपना सिर झुका सकते हैं लेकिन सत्ता के घमंड के सामने नहीं।’ उन्होंने कहा कि जब हमारे ऊपर चिल्लाया जाता है, हमारा विरोध उससे भी तेज आवाज में होगा। जब हमें धमकाया जाता है तो हम दहाड़ेंगे। यह हमारे स्वाभिमान की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हो सकता है हम गरीब हों लेकिन हमारी भी गरिमा है। जनता लोकतंत्र की मुख्य संपत्ति है। जो बंगाल आज सोचता है, दुनिया कल सोचेगी।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 22, 2012, 16:24