Last Updated: Tuesday, October 9, 2012, 13:21

संयुक्त राष्ट्र : आतंकवाद को ‘फ्रैंकेंस्टीन दानव’ करार देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि दहशतगर्द समूहों से मुकाबला करने में वैश्विक समुदाय चयनात्मक रुख नहीं अपना सकता ।
आडवाणी ने यह भी कहा कि सरकारी नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल बेहद संकुचित विचार है । उपन्यासकार मेरी शैली की रचना ‘फ्रैंकेंस्टीन’ में एक फ्रैंकेंस्टीन एक काल्पनिक पात्र है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में शिरकत के लिए आए भारतीय सांसदों के एक दल में शामिल आडवाणी ने कहा कि भारत ने करीब ढाई दशकों तक आतंकवाद का प्रहार बर्दाश्त किया है । उन्होंने कहा कि अल कायदा, तालिबान, लश्कर ए तैयबा एवं जमात-उद-दावा जैसे बड़े आतंकवादी संगठनों के सक्रिय रहने से दक्षिण एशियाई क्षेत्र ने काफी विध्वंसों का सामना किया है ।
‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद खत्म करने के उपाय’ विषय पर अपने संबोधन में आडवाणी ने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी है और इससे हर मोर्चे पर मुकाबला करना है । आतंकवादी संगठनों का सामना करने या आतंकवाद के बुनियादी ढांचों को तबाह करने के मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय चयनात्मक रुख नहीं अपना सकता ।’’ उन्होंने आतंकवाद को ‘फ्रैंकेंस्टीन दानव’ करार दिया और कहा कि सरकारी नीति के औजार के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल बेहद संकुचित विचारधारा है ।
आडवाणी ने कहा, ‘‘वास्तव में जिन्होंने भी इसका सहारा लिया, वे खुद ही इसके भुक्तभोगी बने हैं जिससे सदियों पुरानी यह कहावत साबित हो गयी है कि तलवार से खेलने वालों का विनाश भी तलवार से ही होता है ।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति, प्रगति एवं समृद्धि के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं ।
आडवाणी ने निर्णायक तौर पर आतंकवाद से मुकाबले के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सामूहिक प्रयास का आह्वान किया ।
आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरा बताते हुए आडवाणी ने कहा कि आज की दुनिया में दहशतगर्द न केवल वैश्विक रूप लिए हुए हैं बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ जंग भी छेड़ रखी है ।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत आतंकवाद के सभी रूपों और इसके परिणामों की निंदा करता है । कोई भी वजह या शिकायत आतंकवाद को जायज नहीं ठहरा सकती । हमें एक ऐसा रुख अपनाने की जरूरत है जिससे यह सुनिश्चित हो कि आतंकवाद को जरा भी बर्दाश्त न किया जाना सुनिश्चित हो ।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 9, 2012, 13:21