Last Updated: Saturday, June 29, 2013, 22:17

कोलकाता : प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) अलतमस कबीर ने शनिवार को राज्यों से कहा कि वह बलात्कार और महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने के मामलों से सख्ती से निपटें। उन्होंने कहा कि प्रशासन और जांच एक साथ चलना चाहिए।
बिजली अपीली न्यायाधिकरण की एक पीठ का उद्घाटन करने के बाद न्यायमूर्ति कबीर ने कहा, ‘जब तक प्रशासन सख्त नहीं होगा और कड़ाई से मामलों से नहीं निपटेगा तब तक कुछ नहीं किया जा सकता। प्रशासन और जांच साथ-साथ चलना चाहिए।’
न्यायमूर्ति कबीर ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जांच में कोई खामी न हो और यह निष्पक्ष रहे। प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी होगी। इसकी बहुत सख्त जरूरत है।’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘गवाहों के नहीं होने और अनुचित जांच की वजह से पहले कई मामले गंवाए जा चुके हैं।’ त्वरित अदालतों की प्रभावक्षमता के बाबत न्यायमूर्ति कबीर ने कहा कि 2012 में दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है और 70 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘हर राज्य प्रयास कर रहा है कि त्वरित अदालतें असरदार तरीके से काम करें।’ बलात्कार पीड़ितों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा देने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि यह एक प्रशासनिक मामला है।
न्यायमूर्ति कबीर ने कहा, ‘हमें इस मामले में कुछ नहीं कहना है।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 29, 2013, 22:17