Last Updated: Saturday, December 29, 2012, 19:56

बलिया : पूरे देश को झकझोर देने वाले दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़ित लड़की की सिंगापुर में इलाज के दौरान मृत्यु की खबर से उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित उसके पुश्तैनी गांव में शोक की लहर है और गमगीन लोगों के घरों में आज चूल्हे नहीं जले।
उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा से सटे एक गांव में बलात्कार पीड़ित लड़की की मृत्यु की खबर के बाद मातम का माहौल है और घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं।
करीब 13 दिन तक जिंदगी के लिए संघर्ष करने वाली उस लड़की के चाचा ने बताया कि उनकी भतीजी मुफलिसी में जी रहे अपने परिवार के लिए उम्मीद की किरण थी।
उन्होंने बताया कि बेहद गरीब परिवार में जन्मी उनकी भतीजी बहुत जहीन और संघषर्शील थी। उसकी योग्यता और लगन को देखते हुए उसके पिता ने उसे ऊंची तालीम दिलाने के लिए अपना पुश्तैनी खेत भी बेच दिया था।
उन्हें पूरा यकीन था कि एक दिन उनकी बेटी परिवार को ना सिर्फ गरीबी से निकालेगी बल्कि उसे तरक्की की राह पर ले जाएगी, लेकिन वक्त के जालिम हाथों ने सभी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में आज शोकसभा करके ‘गांव की बेटी’ की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। ग्रामीणों में दिल्ली बलात्कार कांड को लेकर खासी नाराजगी है और वे इसके गुनहगारों के लिए सख्त से सख्त सजा चाहते हैं।
ग्राम प्रधान ने कहा कि ग्रामवासियों की मांग है कि उनकी बेटी की अस्मत को तार-तार करके उसकी मौत का कारण बने लोगों को ऐसी कड़ी सजा हो, जो कुत्सित मानसिकता रखने वाले लोगों के दिलों को खौफ से भर दे और वे ऐसी वारदात अंजाम देने की सोच भी ना सकें।
हैवानियत की शिकार हुई लड़की के चाचा ने कहा कि उनके खानदान की बेटी के गुनहगारों को जब तक फांसी नहीं होती तब तक उनका परिवार न्याय के लिए संघर्ष करता रहेगा।
गौरतलब है कि गत 16 दिसम्बर को चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 23 वर्षीय लड़की की शनिवार तड़के भारतीय समयानुसार दो बजकर 15 मिनट पर सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गई। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 29, 2012, 19:49