Last Updated: Sunday, April 29, 2012, 13:59
विशेष विमान से : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने बड़ी संख्या में विदेश दौरों को लेकर हुई आलोचना को खारिज करते हुए कहा है कि वह अपनी मर्जी से बाहर नहीं गईं, बल्कि सरकार के आग्रह पर भारत के रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए ये यात्राएं कीं।
सेशल्स और दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर रवाना होने के बाद अपने साथ जा रहे संवाददाताओं से बातचीत करते हुए प्रतिभा ने कहा, ‘सरकार चाहती थी कि मैं दो-तीन और देशों का दौरा करूं, लेकिन वक्त की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं था।’ प्रतिभा ने कहा कि आज का दौर परस्पर निर्भरता का है और कोई भी देश अकेले नहीं चल सकता, बल्कि उसे दूसरों के साथ रिश्ते को बढ़ाना होगा।
भारत के बड़े बहुमत से सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य चुने जाने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यही वजह है कि नए दोस्त बनाना और पुरानों के साथ रिश्तों को सुधारना बहुत जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि अब तक के अपने 22 देशों के दौरे के बारे में क्या कहेंगी, उन्होंने कहा, ‘ये दौरे भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती छवि को बढ़ावा देने और दूसरे देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए बेहद सफल रहे हैं।’
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का यह बयान उस विवाद को लेकर भी महत्वपूर्ण है कि उनके विदेश दौरों पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च हुए। उन्होंने कहा कि उनका सेशल्स दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि हिंद महासागर में दोनों देश समुद्री क्षेत्र को साझा करते हैं। प्रतिभा ने कहा, ‘सेशल्स उन समुद्री मार्गों से काफी निकट है, जहां से वैश्विक व्यापार होता है और इसलिए उस वक्त दोनों देशों के रिश्ते ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं, जब समुद्री लूट और आतंकवाद का खतरा है। भारत इस खतरे से निपटने में सेशल्स का सहयोग कर रहा है।’
भारत से 22 साल बाद राष्ट्रपति स्तर की सेशल्स यात्रा हो रही है। उन्होंने कहा, ‘आज के दौर में सेशल्स हमारा नजदीकी दोस्त है।’ सेशल्स के बाद राष्ट्रपति दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा, ‘हम दक्षिण अफ्रीका को एक नजदीकी रणनीतिक साझेदार के रूप में देखते हैं। हम सुरक्षा परिषद, जी-20, इब्सा, ब्रिक्स, आईओआर-एआरसी और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम कर रहे हैं।’
(एजेंसी)
First Published: Sunday, April 29, 2012, 19:37