आखिरकार भारत पहुंचे इटली के दोनों मरीन| Italian marines

भारत पहुंचे इटली के दोनों मरीन, नहीं होगी फांसी

भारत पहुंचे इटली के दोनों मरीन, नहीं होगी फांसीज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : दो भारतीय मछुआरों की हत्या मामले में सुनवाई का सामना करने के लिए इटली के दो मरीन शुक्रवार शाम भारत लौट आए। हत्या के आरोपी इटली के दोनों नौसैनिक विशेष विमान से शाम छह बजकर पचास मिनट पर नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे।

इसके पहले विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इटली के उप विदेश मंत्री से मुलाकात की।

खुर्शीद ने यहां कहा कि इस मामले में इटली के साथ कोई ‘सौदेबाजी’ नहीं हुई और कानूनी सलाह के आधार पर राजनयिक चैनलों के जरिये सावधानीपूर्वक एवं सतत संवाद से मुद्दे का समाधान निकाला गया।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इटली के साथ संवाद को सावधानीपूर्वक जारी रखा गया और राष्ट्रीय हितों और विभिन्न वर्गो की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। भारतीय महिला प्रेस कार्प (आईडब्ल्यूपीसी) में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान खुर्शीद ने कहा कि संवाद की प्रक्रिया के दौरान भारत ने इटली को लिखित में आश्वासन दिया है कि यदि मरीन उच्चतम न्यायालय द्वारा तय समय सीमा के भीतर लौट आते हैं तो उन्हें मौत की सजा नहीं होगी और गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

दोनों मरीन को मुकदमे का सामना करने के लिए वापस भारत भेजने का ऐलान करने के बाद विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि इटली द्वारा मौत की सजा पर स्पष्टीकरण मांगने के बाद भारत ने लिखित में उक्त आश्वासन दिया। खुर्शीद ने इस बात पर खुशी जतायी कि मामला अब संतोषजनक निष्कर्ष पर पहुंच गया है और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप मुकदमे की कार्यवाही आगे बढ़ेगी।

गौरतलब है कि दोनों मरीनों पर पिछले साल फरवरी में दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने का मामला चल रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि जहां तक मौत की सजा का सवाल है, इस मामले की प्रकृति ऐसी नहीं है कि मौत की सजा दी जाए क्योंकि मौत की सजा दुर्लभतम मामलों में दी जाती है। ‘हमारा मानना है कि यह मामला मौत की सजा का नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘हमने इस विषय में कानूनी सलाह लेकर सावधानीपूर्वक उसका आंकलन करके स्पष्टीकरण दिया है। हम एक बार फिर से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस मामले में कोई सौदेबाजी नहीं हुई।’ विदेश मंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस बारे में उच्चतम न्यायालय का निर्णय हमारे ऊपर बाध्यकारी होगा।

उच्चतम न्यायालय ने दोनों मरीनों को मतदान करने के उद्देश्य से चार सप्ताह के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी थी। चार सप्ताह की अवधि आज ही खत्म हो रही है। खुर्शीद ने कहा कि सरकार में वरिष्ठ नेताओं के रूख और पहल ने इस मामले को सुलझाने में काफी मदद की।

विपक्ष, जनता के दबाव और उच्चतम न्यायालय के सख्त रवैये के कारण इटली के मरीन को वापस भेजने के लिए तैयार होने के भाजपा के बयान के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय हितों के अनुरूप अगर कोई अच्छी चीज आती है तब इसका श्रेय सभी को जाता है। गौरतलब है कि इटली ने 11 मार्च को भारत से कहा था कि उसके मरीन वापस नहीं जाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इटली को उच्चतम न्यायालय में दिये गए हलफनामे का सम्मान करना चाहिए।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने अपने 22 जनवरी के आदेश में दोनों मरीन को इटली जाने की इजाजत दी थी। इटली सरकार ने हलफनामा दिया था कि दोनों मरीन उसकी हिरासत और निगरानी में रहेंगे। इटली ने दोनों मरीनों को वापस सुरक्षित भारत भेजने की भी पूरी जिम्मेदारी ली थी।

First Published: Friday, March 22, 2013, 19:45

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