Last Updated: Tuesday, August 28, 2012, 15:02
नई दिल्ली : कैबिनेट ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंगलवार को मंत्री समूह के विचारार्थ भेजने का फैसला किया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर कुछ मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में आपत्तियां उठाईं। इन मंत्रियों का कहना था कि उनके सुझावों को पर्याप्त ढंग से नहीं सुना गया।
सूत्रों ने कहा कि कई मंत्रियों ने अपने सुझाव दिये। उन्हें लगता है कि उनकी बात ठीक से नहीं सुनी गई इसलिए मामले को मंत्रीसमूह के विचारार्थ भेजने का फैसला किया गया। विधेयक के प्रस्तावों पर विचार करने के लिए मंत्रीसमूह का गठन जल्द किया जाएगा। विधेयक पर पिछली कैबिनेट में ही विचार होना था लेकिन कुछ मंत्रियों ने इसके अध्ययन के लिए और समय मांगा था।
सरकार ने संसद में कहा है कि संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक में संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए प्रावधान किए गए हैं। इनमें किसानों के अधिकारों की सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण के कारण विस्थापित होने वाले परिवारों की संख्या पर अंकुश लगाने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा आर्थिक हालात में भूमि अधिग्रहण कानून को निवेशकों के और अधिक अनुकूल बनाने की आवश्यकता है। विधेयक को पिछले साल सितंबर में संसद में पेश किया गया था। उसके बाद उसे संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा गया था, जिसने इस साल मई में अपनी सिफारिशें सौंपीं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 28, 2012, 15:02