मकर संक्रांति: लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

मकर संक्रांति: लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

मकर संक्रांति: लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकीज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्‍ली/शुकताल/पटना : देश भर में मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को पूरे उल्‍लास के साथ मनाया गया। मकर संक्रांति के अवसर पर बंगाल की खाड़ी में गंगा के संगम स्थल पर आज लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। वहीं, पटना और शुकताल में भी लाखों श्रद्धालुओं ने आस्‍था की डुबकी लगाई।

जानकारी के अनुसार, गंगासागर में आज पांच लाख से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया जो पिछले दो दिन के मुकाबले सबसे अधिक संख्या है। वहीं, राजधानी पटना सहित बिहार के सभी क्षेत्रों में सोमवार को मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सहित कई नदियों, जलाशयों में लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किया। पटना में गंगा स्नान के लिए रविवार की शाम से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। सोमवार को ठंड के बावजूद सुबह से ही गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंचकर लोगों ने स्नान किया।

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं। विद्वानों के मुताबिक इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण हो जाता है। पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से खरमास भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं। पंडित जय कुमार शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष सूर्य के संक्रमण काल में चार ग्रह एक साथ होंगे। सूर्य, चन्द्र, मंगल और बुध एक साथ रहेंगे। ऐसा विशेष संयोग 12 वर्षों के बाद आया है। बिहार के बक्सर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मुंगेर सहित सभी क्षेत्रों में लोग मकर संक्रांति पर्व मना रहे हैं। इस दिन चूड़ा-दही तथा तिलकुट खाने की भी परम्परा है। मकर संक्रांति के दिन तिल खाने और तिल दान में देने को भी शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति के मौके पर लोग मंदिरों में भी पहुंचकर पूजा-अर्चना और दान-पुण्य कर रहे हैं। इस कारण मंदिरों में भारी भीड़ देखी जा रही है।

उधर, हरियाणा के पौराणिक तीर्थ स्थल शुक्रताल में मकर संक्रांति पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य को अर्घ्‍य दिया। श्रद्धालुओं ने विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की और साधु संतों का आशीर्वाद लिया। लोगों ने हनुमत धाम स्थित नक्षत्र वाटिका में 12 राशियों से संबंधित नक्षत्र वृक्षों के दर्शन किए और मन्नत मांगी। हनुमत रसोई में साधु संतों तथा श्रद्धालुओं ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।

महिलाओं ने गरीबों को अन्न, धन, वस्त्रों के अलावा रेवड़ी तथा खिचड़ी का दान दिया। हनुमत धाम के संस्थापक संचालक केशवानन्द सरस्वती ने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व रितु परिवर्तन का परिचायक है। यह ओज तथा तेज बढ़ाने वाला है।
कैराना यमुना नदी तथा बिड़ौली यमुना घाट पर भी हजारों लोगों ने स्नान किया।

First Published: Monday, January 14, 2013, 15:32

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