Last Updated: Monday, March 25, 2013, 20:06

नई दिल्ली : कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव की ओर से तीसरे मोर्चे को राष्ट्रीय विकल्प के रूप में पेश किए जाने को एक ‘असफल शुरुआत और स्थायी मृगमरीचिका’ बता कर खारिज कर दिया।
सपा प्रमुख ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सभी समान विचार वाले दलों से साथ आने की रविवार को अपील करते हुए कहा था कि समय आ गया है कि सामाजिक बदलाव के साझा लक्ष्य को हासिल करने का इरादा रखने वाली राजनीतिक पार्टियां साथ आएं।
संप्रग को बाहर से समर्थन दे रही लोकसभा में 22 सदस्यों वाली सपा के प्रमुख ने कहा कि देश में गठबंधन राजनीति का जमाना बना रहेगा।
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यादव के विचारों को खारिज करते हुए कहा कि सपा नेता ने नया कुछ नहीं कहा है और पार्टी को उससे कोई चिंता नहीं है।
सिंह ने कहा, ‘हम स्थिति के अनुसार काम करते हैं। उन्होंने (यादव) जो कुछ कहा है उसमें नया कुछ नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस मुलायम के बयान से चिंतित है, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस अपने रास्ते पर है। हमारा रास्ता गांधीजी का रास्ता है, सामाजिक धर्मनिरपेक्षता और जवाहरलाल नेहरू का रास्ता है, इसलिए हमें कोई चिंता नहीं है।’
केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अगर आप भारत में गठबंधन राजनीति के पिछले 20 साल को देखें तो तीसरे मोर्चे, चौथे मोर्चे या पांचवें मोर्चे को ‘भारतीय राजनीति की सबसे स्थायी मृगमरीचिका’ पाएंगे।
भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा, ‘तीसरा या चौथा मोर्चा हमेशा ‘गलत कारणों’ से खबरों में बना रहेगा लेकिन यह आगे कभी नहीं बढ़ेगा। मुझे नहीं लगता कि ऐसा गठबंधन वास्तव में बनेगा।’
राजग के प्रमुख घटक दल जदयू के नेता देवेश चन्द्र ठाकुर ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि तीसरे मोर्चे की कोई संभावना है। इस बार जनता स्पष्ट जनादेश देगी। यह सच है कि यह गठबंधन का युग है और चुनाव बाद गठबंधन सरकार ही बनेगी। लेकिन मुझे तीसरे मोर्चे की कोई संभावना नजर नहीं आती।’
उधर संप्र्रग का घटक दल राकांपा मुलायम सिंह के विचारों से कुछ सहमत नजर आया।
रकांपा नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा,‘गठबंधन सरकार का युग शुरू हो गया है। साझा समझ और कार्यक्रमों वाले विभिन्न दल सरकार बनाने और राजनीतिक मंच बनाने के लिए के लिए साथ आएंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 25, 2013, 20:06