Last Updated: Tuesday, November 29, 2011, 10:05
नई दिल्ली : मुल्लापेरिया बांध के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा के लिए जल्द ही तमिलनाडु और केरल के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु से कांग्रेस सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल से बात करेंगे।
सांसद माणिक टैगोर ने बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने ध्यान पूर्वक हमारी बात को सुना। हमने इस संबंध में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जल संसाधन मंत्री से बात करेंगे और उनसे दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने के बारे में कहेंगे। सांसदों ने प्रधानमंत्री से कहा कि केरल को 116 साल पुराने बांध के निकट नये बांध के निर्माण की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को खुद इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए।
केंद्र सरकार में केरल के मंत्रियों ने भी आज यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और 116 साल पुराने इस बांध की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की। प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले मंत्रियों में वयलार रवि, केवी थामस, सी. वेणुगोपाल, एम. रामचन्द्रन और ई. अहमद शामिल थे।
नागरिक उड्डयन मंत्री वयलार रवि ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री ने उनकी बातों को सुना और आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर गौर करेंगे। केरल के विभिन्न दलों के सांसदों का इस मुद्दे को लेकर आज भी संसद में विरोध जारी रहा। राज्य के सांसदों ने मुल्लापेरिया बांध के कारण केरल के विभिन्न शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन पर गंभीर संकट आने की आशंका व्यक्त करते हुए संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।
उधर, मुल्लापेरिया बांध के कारण केरल के विभिन्न शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन पर गंभीर संकट आने की आशंका व्यक्त करते हुए राज्य के कुछ सांसदों ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया। केरल के सांसदों ने इस विषय पर कल भी धरना दिया था। महात्मा गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने वाले सदस्य इस विषय पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे थे। सांसदों का कहना है कि मुल्लापेरियार बांध के रूप में एक आपदा इंतजार कर रही है।
केरल के विभिन्न क्षेत्रों के 25 लाख लोगों का जीवन खतरे में है। केरल के सांसदों ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में भी उठाया। आज राज्यसभा में तमिलनाडु के सदस्यों ने भी इस विषय को उठाया।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 29, 2011, 15:35