Last Updated: Saturday, April 20, 2013, 19:49

वड़ोदरा : वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने आज कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिहाज से पूरी तरह धर्म निरपेक्ष, ईमानदार और योग्य हैं और भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले इस शीर्ष पद के लिए मोदी की दावेदारी का ऐलान कर देना चाहिए।
जेठमलानी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी ईमानदार, प्रशासनिक क्षमता रखने वाले और प्रधानमंत्री बनने के लिहाज से पूरी तरह योग्य हैं। वह शीर्ष पद के लिए भाजपा के सर्वश्रेष्ठ दावेदार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा को प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर देनी चाहिए और लोग पार्टी से यह अपेक्षा कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि मोदी के नाम का विरोध करने वाले चाहते हैं कि भ्रष्ट संप्रग सरकार सत्ता में बनी रहे। जेठमलानी पहले भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर मोदी की वकालत कर चुके हैं।
क्या इस मुद्दे पर जेठमलानी ने स्वयं मोदी से बात की है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह लंबे वक्त से मोदी से नहीं मिले। मोदी की धर्म निरपेक्षता को लेकर चल रही सार्वजनिक बहस के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘मोदी के आलोचकों को भारतीय संविधान को सही से पढ़ना चाहिए जिसमें धर्म-निरपेक्षता की परिभाषा दी गयी है और जो इसे नहीं समझते, वे ही धर्म-निरपेक्षता का मुद्दा उठाते हैं।’
वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘आजकल ‘धर्म-निरपेक्ष’ और ‘सांप्रदायिक’ शब्द आरोप प्रत्यारोप के शब्द बन गये हैं। लोग इनका मतलब समझे बिना अंधाधुंध इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। मोदी भारत के धर्म-निरपेक्ष नेता हैं। दरअसल वह शत प्रतिशत धर्म-निरपेक्ष हैं।’ उन्होंने कहा कि लोगों को हिंदुत्व का अर्थ समझना चाहिए जिसकी प्रकृति धर्म-निरपेक्षता की है।
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बारे में पूछे गए सवाल पर जेठमलानी ने कहा, ‘मोदी के दुश्मन जानबूझकर झूठे दावे करके उनकी छवि खराब कर रहे हैं।’ वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी का नाम पेश करने और 2004 में ‘भारत उदय’ का नारा देने से भाजपा को कोई लाभ नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए कि 2004 और 2009 में क्या हुआ। प्रधानमंत्री के पद के लिए मोदी के नाम की घोषणा करने से भाजपा और राजग दोनों को ही फायदा मिलेगा।’
जेठमलानी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों के नाम नहीं बता रही जबकि सरकार को उनकी जानकारी मिल चुकी है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र द्वारा पिछले एक साल से शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं करना इस धारणा को ही मजबूत करता है कि यह उनका (सरकार में शामिल लोगों का) धन है जिसे वे छिपाना चाहते हैं।’ 2जी घोटाले पर जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट के बारे में जेठमलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को खुद जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अगर वह ईमानदार थे तो उन्हें समिति के समक्ष पेश होना चाहिए था।’ राज्यसभा सदस्य ने बलात्कारियों को मौत की सजा पर अपना विरोध दोहराते हुए कहा कि मृत्युदंड के चलते अपराधी बलात्कार पीड़ितों की जान ले लेंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, April 20, 2013, 19:49