Last Updated: Thursday, April 18, 2013, 19:33
देश में आम चुनाव की घड़ी जैसे जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच धर्मनिरपेक्ष और सांप्रदायिक होने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खासा तेज हो गया है। कौन ज्यादा धर्मनिरपेक्ष है और किस पर सांप्रदायिकता का ज्यादा ठप्पा है, यह बहस तभी जोर पकड़ती है, जब सत्तारूढ़ होने के लिए सियासी पार्टियां जोर आजमाइश शुरू करती हैं।