राजनीति में 'छुआछूत' अभी भी है जारी: नरेंद्र मोदी

राजनीति में 'छुआछूत' अभी भी है जारी: नरेंद्र मोदी

राजनीति में 'छुआछूत' अभी भी है जारी: नरेंद्र मोदीतिरवनंतपुरम : केरल में शिवगिरि के समीप श्री नारायण मठ की यात्रा को लेकर माकपा के प्रदर्शन एवं कांग्रेस के असंतोष की ओर संकेत करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस बात पर अफसोस जताया कि राजनीति में ‘अस्पृश्यता’ बढ़ती जा रही है। उन्‍होंने यह भी कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े होने पर मुझे गर्व है। आरएसएस से हमें संस्‍कार मिला है।

यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर वरकाला के शिवगिरि मठ में श्री नारायण धर्म मीमांसा परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि समाज में राजनीतिक अस्पृश्यता बढ़ती ही जा रही है जबकि इस बहुत बड़ी बुराई को काफी हद तक आध्यात्मिक नेताओं और सुधारकों के प्रयास से सामाजिक जीवन से दूर किया जा चुका है। हालांकि उन्होंने किसी भी दल या नेता का नाम नहीं लिया लेकिन संभवत: उनका संकेत इस कार्यक्रम के लिए उन्हें न्यौता दिये जाने पर मठ प्रशासन की वामदलों द्वारा आलोचना तथा हाल ही में केरल श्रम मंत्री शिबू बेबी जॉन के साथ उनकी भेंट पर कांग्रेस की आपत्ति की ओर था ।

जॉन ने युवकों के कौशल विकास पर मोदी से जो चर्चा की थी, उसका परोक्ष जिक्र करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी गुजरात को इस क्षेत्र में सबसे अधिक उन्नत राज्य माना है। मोदी ने अपने भाषण का ज्यादातर हिस्सा राष्ट्रीय आंदोलन एवं स्वतंत्रता के लिए आधार तैयार करने में श्री नारायण गुरू जैसे आध्यात्मिक नेताओं की भूमिका पर केंद्रित रखा और कहा कि यदि उनके आदर्श का पूरी तरह पालन हो तो देश के समक्ष मौजूद कई समस्याएं अब हल हो सकती हैं।

उन्होंने कहा कि आज का भारत युवा भारत है जहां देश की 65 फीसदी आबादी 35 साल तक की उम्र की है। उन्होंने कहा कि यह कारक देश के तेजी से आगे बढ़ने के लिए एक बहुत बड़ी संपत्ति है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन महिलाओं तथा दबे कुचले वर्गों के उत्थान एवं कौशल विकास कुछ ऐसे अहम क्षेत्र हैं जिन पर राष्ट्र के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

मोदी ने श्री नारायण गुरू को दृरदृष्टा वाला आध्यात्मिक नेता बताया और कहा कि उनके ‘एक जाति, एक धर्म और एक ईश्वर’ के संदेश से आधुनिक विश्व के समक्ष उपस्थित समस्याओं का हल मिलेगा और इन समस्याओं में आतंकवाद एवं धरती का बढ़ता तापमान भी है।

मोदी ने कहा कि बचपन से ही आरएसएस की पृष्ठभूमि होने का उन्हें गर्व है क्योंकि उन्हीं दिनों में उन्होंने श्री नारायण गुरू के उपदेशों के बारे में सीखा। उन्होंने कहा कि श्री नारायण गुरू एवं स्वामी विवेकानंद जैसे संतों के कार्यों एवं संदेशों ने उनके जीवन को बहुत प्रभावित किया।

इससे पहले श्री नारायण धर्म संघम न्यास के सदस्य स्वामी सचिदानंद ने कहा कि मोदी को न्यौता देने पर राजनीतिक विवाद अवांछित है क्योंकि मठ का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। मोदी ने हिंदी में भाषण दिया जिसका अनुवाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी मुरलीधरण ने मलयालम में किया। (एंजेंसी)







First Published: Wednesday, April 24, 2013, 19:25

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