Last Updated: Thursday, December 29, 2011, 12:19
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने लोकायुक्तों की नियुक्ति संबंधी प्रावधानों को लेकर राज्यसभा में लोकपाल विधेयक का विरोध किया। इस बात की पूरी संभावना है कि तृणमूल कांग्रेस लोकपाल बिल को पारित करने को लेकर राज्यसभा में गुरुवार देर शाम होने वाली वोटिंग के दौरान सरकार के खिलाफ जा सकती है।
केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की घटक तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को लोकपाल विधेयक से राज्यों में लोकायुक्तों के गठन संबंधी समूचे अनुच्छेद को हटाने की मांग की। राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए पार्टी नेता सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि विधेयक से लोकायुक्त पर केंद्रित अध्याय तीन को हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक से अध्याय तीन को पूरी तरह हटाएं।
राय ने कहा कि पहले तो यह केवल लोकपाल विधेयक था, अचानक और आश्चर्यजनक रूप से यह 'लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक' बन गया। उन्होंने इसे संघीय ढांचे पर आघात बताते हुए कहा कि यह 'अस्वीकार्य' है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह सरकार के साथ है तथा वाम दलों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। राय ने कहा कि हम सरकार के साथ हैं, वामपंथियों ने दक्षिणपंथी से हाथ मिलाया है।
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस ने लोकपाल विधेयक से अध्याय तीन को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाया है। यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। इस बीच, यह खबर भी है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से बातचीत की है और उन्हें सरकार के पक्ष में लोकपाल पर राजी करने की पूरी कोशिश की है। हालांकि अब यह वोटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि तृणमूल कांग्रेस का रुख क्या रहा।
इससे पहले, संसद के निचले सदन लोकसभा में पारित लोकपाल विधेयक में राज्यों में लोकायुक्तों की स्थापना संबंधी प्रावधान से नाखुश तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह राज्यसभा में इस पर संशोधन पेश करेगी। केंद्र में सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख सहयोग तृणमूल कांग्रेस के इस रुख से सरकार परेशानी और बढ़ गई है।
First Published: Thursday, December 29, 2011, 19:13