Last Updated: Thursday, December 1, 2011, 17:47

नई दिल्ली : कांग्रेस सदस्यों के अचानक रुख से पलट जाने के चलते लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही संसद की स्थायी समिति को ग्रुप सी के अधिकारियों को दायरे से बाहर रखने और सीबीआई निदेशक की मौजूदा चयन प्रक्रिया से छेड़छाड़ नहीं करने की सिफारिश करने का फैसला करना पड़ा। विपक्ष के कम से कम 10 सदस्यों ने बैठक में फैसले बदले जाने का विरोध किया।
कार्मिक और विधि तथा न्याय मामलों की स्थायी समिति द्वारा लोकपाल विधेयक पर अपनी मसौदा रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के एक दिन बाद समिति अध्यक्ष अभिषेक सिंघवी ने गुरुवार शाम आपात बैठक बुलायी ताकि उपरोक्त दोनों मुद्दों पर नये सिरे से विचार विमर्श किया जा सके।
इस बैठक में कई सदस्यों, जिनमें अधिकतर कांग्रेस के सदस्य थे, ने कहा कि ग्रुप सी के अधिकारियों को लोकपाल के दायरे में नहीं लाया जाए क्योंकि ऐसा करने से नये संस्थान पर अत्यधिक दबाव पड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति का विषय इस स्थाई समिति के अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि यह समिति लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही है और उसका मकसद लोकपाल के गठन को लेकर ही है।
भाजपा, सपा, माकपा और आरएसपी के कम से कम 10 सदस्यों ने अन्य सदस्यों के अचानक से रुख से पलट जाने का विरोध करते हुए कहा कि समिति जो फैसला कर चुकी है, उसमें संशोधन नहीं किया जा सकता।
भाजपा सदस्य कीर्ति आजाद ने कहा, अगर उन्हें आपत्तियां हैं तो उन्हें विरोध नोट देना चाहिये।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 1, 2011, 23:17