Last Updated: Friday, March 23, 2012, 03:24
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल विधेयक पर गतिरोध दूर करने के मकसद से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। वैसे बैठक में विवादास्पद विधेयक पर आम सहमति बनाने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद सीपीएम ने कहा है कि उसने लोकपाल के मसले पर तीन मुद्दों पर अपनी संशोधन की बात रखी है।
सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित विधेयक के विवादास्पद हिस्सों पर विपक्षी सदस्य अपनी आपत्तियों पर अड़े रहे। लोकसभा में पिछले साल ही यह विधेयक पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में इस पर वोटिंग नहीं हो सकी थी।
सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के सांसदों ने लोकपाल विधेयक के तहत राज्य लोकायुक्तों के गठन के प्रावधानों का कड़ा विरोध किया है क्योंकि इससे राज्यों के खुद की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई बनाने के अधिकार का हनन होगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने पत्रकारों से कहा कि संसद के बजट सत्र के 30 मार्च से 24 अप्रैल तक के मध्यावकाश के दौरान राजनीतिक दल कुछ विवादास्पद मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। येचुरी ने लोकायुक्त की नियुक्ति राज्य को ही करने की मांग की है। येचुरी ने कहा है कि लोकपाल के दायरे में कॉर्पोरेट और एनजीओ भी हो। उन्होंने कहा कि लोकपाल के दायरे में सरकारी मदद लेने वाले एनजीओ को भी लाया जाए। सीपीएम ने जांच एजेंसी को भी लोकपाल के दायेर में लाने की मांग की है। सीपीएम ने यह भी कहा है कि सरकार मजबूत लोकपाल लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं, लोकायुक्त पर तृणमूल कांग्रेस के तेवर बरकरार हैं। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि लोकायुक्त के मामले में पर कोई समझौता नहीं करेंगे और उनके रुख में कोई बदलाव नहीं है। हम लोकपाल विधेयक में उसके मौजूदा स्वरूप में लोकायुक्त की नियुक्ति के प्रावधान को शामिल करने के खिलाफ हैं क्योंकि यह संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा।
समाजवादी पार्टी ने लोकपाल पर सरकार के रूख को साकारात्मक बताया है। एसपी ने लोकपाल को हटाने की प्रक्रिया में संशोधन, लोकायुक्त के प्रावधान को लोकपाल से अलग रखने की मांग की है। एसपी ने कहा है कि सरकार की मंशा विधेयक को पारित करवाने की दिखती है। सपा महासचिव मोहन सिंह ने कहा कि सरकार लोकपाल के मुद्दे पर विपक्ष की तीन मुख्य मांगों को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजेगी।
सर्वदलीय बैठक में राजद के राम कृपाल यादव और लोजपा के राम विलास पासवान ने लोकपाल के गठन का किया विरोध। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार बजट सत्र में मध्यावकाश के दौरान लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी। राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर बजट सत्र के दूसरे चरण में विचार होगा।
लोकपाल के मसले पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मजबूत लोकपाल बिल लाए जाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता एक बार फिर दोहराई है। पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो सका था। दरअसल विपक्ष ने इसमें बहुत से संशोधन प्रस्तुत किए थे और सरकार का कहना था कि इन संशोधनों के अध्ययन के लिए समय की जरूरत है। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन घंटों बहस के बाद भी विधेयक पर वोटिंग नहीं हो सकी थी। आज की बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी, पी. चिदम्बरम, एके एंटनी और सलमान खुर्शीद भी मौजूद थे।
First Published: Saturday, March 24, 2012, 09:49