Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 23:08
नई दिल्ली : संसद ने आज वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण को रोकने और ऐसी संपत्तियों को वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए उनके पट्टे की अधिकतम अविधि तीस साल करने संबंधी विधेयक को आज मंजूरी दे दी। लोकसभा ने आज वक्फ संशोधन विधेयक, 2010 को ध्वनिमत से मंजूरी दी जबकि राज्यसभा पिछले महीने ही इसे पारित कर चुकी है।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान ने कहा कि यह नया विधेयक वक्फ की हजारों एकड़ की संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण को समाप्त करने में कारगर साबित होगा।
इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे देश भर में वक्फ की बिना इस्तेमाल वाली सैंकड़ों एकड़ जमीन का बेहतर ढंग से प्रयोग करने में मदद मिलेगी।
यह विधेयक पहले मई 2010 में लोकसभा द्वारा पारित हो चुका था, लेकिन मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सहित कई मुस्लिम संगठनों द्वारा विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताए जाने के बाद राज्यसभा ने 27 अगस्त, 2010 को इसे प्रवर समिति को भेज दिया था। खान ने बताया कि विधेयक में वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी केन्द्र और राज्य सरकारों को दी गई है। उन्होंने बताया कि अकेले दिल्ली में वक्फ की 123 संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकार वाली मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत देने संबंधी भाजपा के सैयद शाहनवाज हुसैन के सुझाव के बारे में बताया कि 1920 का एक दस्तावेज है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसमें इबादत होती थी और किसमें नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार इसी के आधार पर फैसला करेगी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 23:08