श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार: केंद्र

श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार: केंद्र

श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार: केंद्रनई दिल्ली : संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने की द्रमुक की घोषणा के बाद मंगलवार को संकट में घिरी सरकार ने लोकसभा में श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने का वादा कर अपने महत्वपूर्ण घटक दल को मनाने का अंतिम प्रयास किया।

द्रमुक प्रमुख एम. करूणानिधि की चेन्नई में की गयी घोषणा के बाद संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने लोकसभा में कहा कि सरकार इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराने को राजी है। करूणानिधि ने कहा है कि यदि संसद 21 मार्च से पूर्व श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित करती है तो वह समर्थन वापसी के फैसले पर पुन: विचार कर सकते हैं।

खास बात यह है कि 21 मार्च की समय सीमा अपने आप में काफी मायने रखती है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उसी दिन श्रीलंकाई तमिलों से संबंधित अमेरिका प्रयोजित प्रस्ताव पर मत विभाजन होना है। कमलनाथ ने इस मुद्दे पर मंगलवार को सदन में अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों द्वारा किए गए भारी हंगामे के बाद कहा कि सरकार श्रीलंका में हो रही घटनाओं पर गंभीर रूप से चिंतित है और वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

इससे पूर्व, आज शून्यकाल में द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्य इस मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष आए और नारेबाजी की। द्रमुक के टीकेएस इलनगोवन ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में प्रस्ताव की कोई परवाह नहीं है। यह देखना भारत सरकार का यह नैतिक और बाध्यकारी दायित्व है कि श्रीलंका ने जो आश्वासन दिए थे, उन्हें पूरा किया गया या नहीं। सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 19, 2013, 15:09

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