Last Updated: Thursday, May 24, 2012, 19:13

नई दिल्ली : जम्मू एवं कश्मीर के वार्ताकारों का कहना है कि राज्य से संबंधित सभी केंद्रीय कानूनों की समीक्षा संवैधानिक समिति करे और संविधान के अनुच्छेद 370 को स्थाई बनाया जाए, जो राज्य को विशेष दर्जा देता है। पत्रकार दिलीप पडगांवकर के नेतृत्व में वार्ताकारों की टीम ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम को सौंपी रिपोर्ट में ये बातें कही हैं। चिदंबरम को यह रिपोर्ट अक्टूबर, 2011 में ही सौंपी गई थी, जिसे गुरुवार को सार्वजनिक किया गया।
वार्ताकारों की समिति में पडगांवकर के अतिरिक्त एमएम अंसारी और राधा कुमार भी शामिल थे। वार्ताकारों ने कहा कि राज्य में इस बात को लेकर आम सहमति है कि इसे विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को बरकरार रखा जाए। वार्ताकारों की 180 पृष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आम सहमति के आधार पर हम अनुशंसा करते हैं कि वर्ष 1952 में हुए समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद राज्य से सम्बंधित सभी केंद्रीय अधिनियमों और संविधान के अनुच्छेदों की समीक्षा के लिए एक संवैधानिक समिति का गठन किया जाए।
वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संवैधानिक समिति का गठन किसी ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व में किया जाए, जिसे राज्य और देश के लोगों का विश्वास हासिल हो। इसमें सदस्यों के रूप में संवैधानिक विशेषज्ञों को शामिल किया जाना चाहिए। समिति को रिपोर्ट छह महीने के भीतर सौंप देनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 24, 2012, 19:13