Last Updated: Thursday, December 8, 2011, 04:04
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : संसद में गुरुवार को महंगाई और बढ़ती कीमतों पर दोपहर बाद चर्चा शुरू हुई। लोकसभा में सीपीआई के वरिष्ठ नेता गुरुदास दास गुप्ता ने महंगाई पर बहस की शुरुआत करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया और जमकर प्रहार किया। उन्होंने महंगाई पर मुद्दे पर सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि सरकार महंगाई पर काबू कर पाने में पूरी तरह नाकाम रही है।
गुप्ता ने कहा कि जब बाजार में भिंडी 70 रुपए प्रति किलो बिक रही हो तो महंगाई के आकड़े और सरकार के दावे का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि महंगाई के दर में केवल डेढ़ फीसदी की गिरावट हुई है और इस कमी से आम जनता को कोई राहत नहीं मिलनेवाली है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने सरकार को हमेशा महंगाई के मुद्दे पर झकझोरा है लेकिन फिर भी इसका कोई सटीक निदान नहीं निकला।
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि चिदंबरम के इस्तीफे की मांग पर हम कायम है। सुषमा स्वराज ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की आलोचना की और कहा कि उनके आंकड़ों के बारे में मुझे नहीं मालूम लेकिन मेरे घर में राशन तीन दिसंबर को आया और मैं उसका बिल लेकर आई हूं।
सुषमा स्वराज ने अपने घर का राशन का बिल पेश किया और कहा कि चीजों के दाम तो बेतहाशा बढ़े है। फिर सरकार महंगाई दर में गिरावट की बात से जनता को नहीं लुभा सकती। आम जनता का आंकड़ों से पेट नहीं भरता है।
उन्होंने सरकार पर महंगाई के मुद्दे पर सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की और पूछा कि मैं जानना चाहती है सरकार किस बूते पर यह कह रही है कि महंगाई कम हुई है। सिर्फ महंगाई दर में डेढ़ फीसदी में कमी आने से यह कहना कि महंगाई कम हुई है यह बिल्कुल गलत है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि एनडीए के शासनकाल में मंत्री आंकड़ों में बात नहीं करते थे। वह महंगाई को दूर करने आम जनता को राहत देने में विश्वास करते थे। उन्होंने कहा कि एऩडीए के शासनकाल में महंगाई स्थिर रही यह पूरा देश जानता है।
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल कर रही है जिससे महंगाई दूर नहीं होनेवाली है। उन्होंने कहा कि यूपीए के इस शासनकाल में अमीरों और गरीबों में अंतर बढ़ा है।
First Published: Friday, December 9, 2011, 09:12