Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 21:11

नई दिल्ली : संसद ने गुरुवार को संशोधित भूमि अधिग्रहण संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। कल राज्यसभा में पारित चार संशोधनों के साथ इस विधेयक के नए स्वरूप को लोकसभा ने भी स्वीकार कर लिया।
इन संशोधनों में सिंचाई परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के संबंध में पूर्व प्रभाव से लागू होने वाले प्रावधान को हल्का किया गया है। संशोधनों में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि सिंचाई परियोजना के लिए जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा उन्हें या तो मुआवजा दिया जायेगा या पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन की व्यवस्था की जायेगी।
‘भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदिर्शता का अधिकार विधेयक 2013’ को लोकसभा ने पिछले सप्ताह पारित किया था। लेकिन राज्यसभा ने कल इसे कुछ संशोधनों के साथ अपनी मंजूरी दी। उन संशोधनों के साथ इसके आज लोकसभा में आने पर सदन ने उन संशोधनों के साथ पुन: पारित कर दिया।
जिन किसानों की भूमि की अन्य परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण किया जायेगा उन्हें मुआवजा और पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन दोनों तरह का लाभ मिलेगा। यह विधेयक 119 साल पुराने कानून की जगह लेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अब से किसानों की भूमि का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा।
इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों में जमीन के बाजार मूल्य का चार गुना और शहरी इलाकों में दो गुना मुआवजा देने का प्रावधान है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 21:11