समय के साथ बांग्लादेश में मजबूत होगा लोकतंत्र : प्रणब

समय के साथ बांग्लादेश में मजबूत होगा लोकतंत्र : प्रणब

समय के साथ बांग्लादेश में मजबूत होगा लोकतंत्र : प्रणबढाका : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को भरोसा जताया कि बांग्लादेश में लोकतंत्र समय के साथ मजबूत होगा और यहां के लोग इसे अपनी चेतना से संरक्षित रखेंगे।

बांग्लादेश के तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को यहां पहुंचे मुखर्जी ने ढाका विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान कहा, "आप में स्थिरता आ गई है। इसका अर्थ यह है कि आप कानून के शासन का सम्मान करने लगे हैं, आपने अभिव्यक्ति और मीडिया की स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की है। मैं इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं कि बांग्लादेश में लोकतंत्र समय के साथ मजबूत होगा और आप इसे अपनी सतर्कता से संरक्षित रखेंगे।"
इस समारोह में उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी गई।

मुखर्जी का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जबकि जमात-ए-इस्लामी ने अपने प्रमुख देलवर हुसैन सईदी को 1971 के युद्ध अपराधों, दुष्कर्म तथा जनसंहार के लिए दोषी ठहराए जाने और उन्हें मौत की सजा सुनाए जाने के विरोध में दो दिवसीय बंद आहूत किया है। बंद के दौरान हुई झड़पों में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, "युवा पुरुष एवं महिलाएं हमारे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में इंजन की तरह हैं। बांग्लादेश का भविष्य आपके हाथ में है। आपको जानना चाहिए कि आपका इतिहास गौरवपूर्ण है और भविष्य में कई संभावनाएं हैं। मैं राष्ट्र निर्माण में बांग्लादेश के युवाओं की परिपक्वता, जागरुकता तथा भागीदारी से बहुत प्रभावित हू।"

भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर उन्होंने कहा कि दोनों देश इस तरह जुड़े हैं कि पृथ्वी पर कोई भी अन्य देश इस तरह नहीं जुड़े हैं। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश के संपूर्ण विकास तथा यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में भारत हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने कहा कि दोनों देशों को आर्थिक सहयोग की संभावनाएं बढ़ाने की आवश्यकता है।

पूर्वोत्तर के चार राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम तथा असम की करीब 1,880 किलोमीटर की सीमा बांग्लादेश की सीमा से लगती है। इसका जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा, "बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति एक उपलब्धि है और इसका पूरी तरह लाभ उठाया जाना चाहिए। बांग्लादेश दक्षिण एशिया तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के बीच है.. भारत और बांग्लादेश हमारे क्षेत्र और दक्षिण-पूर्वी एशिया के बाहर भी वृहद एकजुटता का नेतृत्व कर सकते हैं।"

बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल बंटवारे और भूमि सीमा समझौता को लेकर विवाद के बारे में मुखर्जी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा विवाद समझौता को लागू करने के लिए भारत सरकार संसद में संविधान संशोधन विधेयक लाने वाली है।

उन्होंने कहा, "हम सीमा पर किसी भी अप्रिय वारदात से बचने के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। हम साथ मिलकर इसे शांति एवं आपसी सहयोग का मार्ग बना सकते हैं।"

तीस्ता जल बंटवारे पर उन्होंने कहा,"संयुक्त नदियों का जल बंटवारा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। हमने पूर्व में सफलतापूर्व समझौते किए हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस पर समझौता हो जाएगा।" (एजेंसी)

First Published: Monday, March 4, 2013, 20:04

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