Last Updated: Friday, January 4, 2013, 23:50
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कावेरी निगरानी समिति (सीएमसी) को यह तय करने के लिए एक सप्ताह के अंदर बैठक करने का निर्देश दिया कि तमिलनाडु और कर्नाटक को कावेरी के कितने-कितने पानी की जरूरत है जो इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
न्यायमूर्ति डीके जैन एवं न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की पीठ ने कावेरी पानी विवाद न्यायाधिकरण के फैसले को अधिसूचित करने में केंद्र की ओर से हो रही देरी के मद्देनजर समिति से यथाशीघ्र बैठक कर तमिलनाडु को कर्नाटक से जारी किये जाने वाले पानी की मात्रा तय करने को कहा है। पीठ ने कहा, ‘हमारा मत है कि सीएमसी तमिलनाडु एवं कर्नाटक में खड़ी फसलों के लिए पानी की जरूरतों के संबंध में उपयुक्त आदेश जारी करने के लिए यथाशीघ्र लेकिन 11 जनवरी से पहले बैठक करे।’
उसने कहा, ‘हम सीएमसी से कर्नाटक द्वारा पानी छोड़ने में, यदि कोई कमी हो जाए, तो उस सवाल को भी तय करने का अनुरोध करते हैं।’ अदालत ने न्यायाधिकरण के फैसले को अधिसूचित नहीं करने को लेकर केंद्र की खिंचाई की । केंद्र ने 31 दिसंबर तक ऐसा करने का आश्वासन दिया था। अदालत ने सरकार से इस संबंध में सभी प्रासंगिक फाइलें पेश करने को कहा।
अदालत ने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया क्योंकि केंद्र ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि वह इस माह के आखिर तक अधिसूचना जारी करने का निर्णय लेगा। राज्य सरकारों ने यह भी कहा कि उन्हें फैसले अधिसूचित किये जाने केा लेकर कोई आपत्ति नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 4, 2013, 23:50