Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 14:46

जम्मू : सेना ने कहा है कि नियंत्रण रेखा पर त्रिस्तरीय बाड़बंदी घुसपैठिये आतंकवादियों के लिए ‘मौत का जाल’ बन गई है, जिससे आतंकवादियों में हताशा छा गई है और इसके चलते सीमा से लगी भारतीय चौकियों पर बार-बार गोलीबारी की जा रही है।
ब्रिगेडियर ए. सेनगुप्ता ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर त्रिस्तरीय बाड़बंदी से होकर प्रवेश कर पाना घुसपैठिये आतंकवादियों के लिए असंभव हो गया है। बाड़ पार करने में नाकाम होने के चलते आतंकवादी नेतृत्व और पाकिस्तानी संस्थानों में हताशा छा गई है।
अग्रिम चौकी में नियंत्रण रेखा पर निगेहबानी के लिए अग्रिम ब्रिगेड की कमान संभाल रहे सेनगुप्ता ने कहा कि वे लोग संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहे हैं, भारतीय अग्रिम चौकियों को निशाना बना रहे हैं और मोर्टार दाग रहे हैं। थर्मल इमेजर एवं निगरानी उपकरणों से लैस जम्मू जिले में मालू (अखनूर) से लेकर कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा जिले तक 490 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा और मालू से लेकर पंजाब के पठानकोट तक 190 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़बंदी घुसपैठिये आतंकवादियों के लिए एक बड़ी बाधा बन गई है।
सेना अधिकारी ने बताया कि खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक नियंत्रण रेखा के उस पार करीब 300 आतंकवादी पिछले तीन-चार महीनों से घुसपैठ की फिराक में है, लेकिन वे बाड़बंदी और सैनिकों की कड़ी चौकसी तथा जमीनी निगरानी उपकरणों के चलते नहीं घुस पा रहे हैं।
सेना अधिकारी ने बताया कि उन्होंने हमारी चौकियों पर गोलीबारी की ताकि जवानों की गतिविधियों पर रोक लगाकर वे आतंकवादियों की घुसपैठ करा सकें। राजौरी-पुंछ क्षेत्र में 220 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर ‘ऑपरेशनल कंट्रोल’ की निगरानी कर रहे मेजर जनरल वीपी सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में इस साल घुसपैठ की एक भी घटना नहीं हुई है। घुसपैठ की सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया गया। सेना को लगता है कि भारत-पाक सीमा पर बाड़बंदी वस्तुत: आतंकवादियों के लिए मौत का जाल बन गई है क्योंकि 28 आतंकवादी उस वक्त मारे गए जब सैनिकों ने इस साल उनकी घुसपैठ की कोशिशें नाकाम कर दीं।
सेना अधिकारियों ने बताया कि घने जंगलों, संकरी घाटियों और जल धारा वाले इलाकों से गुजरने वाली नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी बाड़ घुसपैठियों के लिए एक बड़ी बाधा बन गई है क्योंकि यह चौबीसों घंटे प्रहरी के तौर पर काम करती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 14:46