Last Updated: Thursday, October 20, 2011, 15:10
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। मोदी सरकार ने शर्मा का कथित रूप से उत्पीड़न किया और विभिन्न आपराधिक मामलों में उसे जेल भेज दिया।
न्यायमूर्ति आफताब आलम की नेतृत्व वाली पीठ ने शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई करने पर तो सहमत हुई लेकिन दीपावली परिवार के साथ मनाने के लिए अधिकारी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। कच्छ जिले में निजी कंपनियों को भूमि आवंटन मामले में कथित अनियमितताओं में शामिल रहने के लिए गत 16 महीने से जेल में बंद शर्मा ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था।
वर्ष 1984 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार उन्हें निशाना बना रही है क्योंकि उनके छोटे भाई एवं राज्य के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने गोधरा दंगों के बाद से मोदी की कई ‘गलत कार्यों’ को उजागर किया है। याचिका में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता कुलदीप शर्मा का भाई है जिसने गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी और पूर्व गृह मंत्री अमित शाह के कई गलत कार्यों को उजागर किया है। याचिकाकर्ता का मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ओर से उत्पीड़न किया गया है।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 21, 2011, 00:03