Last Updated: Sunday, October 23, 2011, 14:34
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट विस्फोट के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से दो ने अपने स्वीकारोक्ति बयान दर्ज करवा दिए हैं। बयान में उन्होंने कथित रूप से कहा है कि साजिश में उनकी संलिप्तता थी।
जांच से परिचित सूत्रों ने रविवार को बताया कि आबिद हुसैन और हाफिज अमीर अब्बास देव ने हाल में एक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने स्वीकारोक्ति बयान दर्ज करवाए। माना जाता है कि बयान में उन्होंने स्वीकार किया कि विस्फोट के बाद भेजे गए ईमेल को तैयार करने और उसे भेजने में उनकी जिम्मेदारी थी। इस बयान में भीषण हमले की जिम्मेदारी ली गई थी।
सात सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे। पहली बार ऐसा हुआ कि कोई घटना होने के फौरन बाद इसकी जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी गई है। दोनों आरोपियों में से एक ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि किश्तवाड़ निवासी वसीम अकरम मलिक बांग्लादेश के एक कालेज में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहा था। मलिक ने उसे दो दिन पहले ही मेल सौंप दिया था। साथ ही उसने ‘बम चलाने वालों’ से भी मुलाकात की थी जो पाकिस्तानी या बांग्लादेशी जैसे लगते थे।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 23, 2011, 20:04