Last Updated: Tuesday, May 8, 2012, 03:54
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: विदेश मंत्री एसएम कृष्णा व उनकी अमेरिकी समकक्ष हिलेरी क्लिंटन के बीच मंगलवार को पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ढांचे और ईरान से तेल आयात सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत ने साल 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में खड़े करने की आवश्यकता पर जोर दिया, वहीं अमेरिका ने कहा कि वह चाहता है कि भारत तेहरान से तेल आयात में कटौती करे।
क्लिंटन की तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन मंगलवार को कृष्णा के साथ उनकी मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। दोनों पक्षों ने व्यापार व निवेश, चीन, दक्षिण एशिया की स्थिति, असैन्य परमाणु सहयोग सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
राजधानी के ताज पैलेस होटल में इडली और वाड़ा के नाश्ते के दौरान क्लिंटन से मुलाकात के बाद कृष्णा ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने व क्लिंटन ने पाकिस्तान के साथ हमारे सम्बंधों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को मुम्बई हमले को अंजाम देने वाले व अन्य आतंकवादियों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करनी होगी। कृष्णा ने कहा कि काबुल में हाल में हुआ आतंकवादी हमला बताता है कि एक बार फिर आतंकवादियों व पड़ोसी देशों से उनके ठिकानों के खात्मे की आवश्यकता है।
कृष्णा की बात पर सहमति जताते हुए क्लिंटन ने कहा कि हमारे पास इस बात पर विश्वास करने के कारण हैं कि हाफिज सईद मुम्बई हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि सईद पर अमेरिका की ओर से घोषित किया गया इनाम भारत के साथ एकजुटता दिखाने और सभी साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की हमारी मांग को प्रदर्शित करने का तरीका है।
दोनों नेताओं के बीच चर्चा के दौरान ईरान का मुद्दा भी उठा। कृष्णा ने कहा कि उन्होंने क्लिंटन को भारत की ऊर्जा जरूरतों के सम्बंध में बताया और उसके ईरान के साथ व्यापार जारी रखने के कारणों से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि हालांकि हमारा आयात कम हुआ है लेकिन ईरान हमारे लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। हमने ऊर्जा सुरक्षा पर अपनी स्थिति व दृष्किोण पर चर्चा की और यह चर्चा जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर पैदा विवाद के बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है।
क्लिंटन ने कोलकाता में सोमवार को कहा था कि भारत को ईरान से अपने तेल आयात में कटौती करनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन के दौरान तेल आपूर्ति के लिए अपनी रिफाइनरीज को बेहतर बनाने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना की।
क्लिंटन ने कहा कि हम ईरान को परमाणु हथियार जुटाने से रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने कोलकाता में कहा था कि हमें नहीं लगता कि जब तक ईरान पर दबाव नहीं बनाया जाएगा तब तक वह बातचीत के रास्ते पर लौटेगा।
उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद जतायी है कि हमारे आर्थिक सम्बंध तेजी से बढ़ें और हम इसकी विशाल क्षमता का एहसास कर सकें। कृष्णा ने कहा कि दोनों देशों के बीच कुछ अनसुलझे मुद्दे भी है। अमेरिका में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंगलवार को क्लिंटन की तीन दिवसीय यात्रा का अंतिम दिन है। यात्रा के दौरान सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थीं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 8, 2012, 20:15