Last Updated: Monday, October 24, 2011, 15:28
जी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट विस्फोट मामले में सोमवार को बड़ा खुलासा हुआ। इस मामले में कुछ दिनों पूर्व गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी वसीम मलिक ने एक स्थानीय अदालत में खुलासा किया कि इस विस्फोट की साजिश को हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने अमलीजामा पहनाया। जैसा कि जांच एजेंसियों को इस मामले में पहले ही संदेह था कि इस विस्फोट के किसी सक्रिय आतंकी संगठन का हाथ है, वह वसीम के कबूलनामे के बाद सच साबित होता दिख रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, वसीम ने अपने कबूलनामे में यह भी कहा कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ सैयद सलाउद्दीन ने इस ब्लास्ट के ब्लूप्रिंट को अपनी सहमति दी। हालांकि उसने पहले इस साजिश को खारिज कर दिया था। वसीम ने यह भी कहा कि उसने जून महीने में हाईकोर्ट की तीन बार रेकी की थी और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में इस साजिश को अमलीजामा पहनाया गया। इस साजिश को अंजाम देने में कमांडर जहांगीर सरूरी भी शामिल था।
संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी और वकीलों के खिलाफ गुस्से के कारण हाईकोर्ट को निशाना बनाया गया। इस विस्फोट को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से दो लोग बम रखने के लिए यहां आए थे। वसीम ने यह भी कहा कि इस विस्फोट के बारे में उसने अपने भाई जुनैद और उसके दोस्त आमिर को भी बताया था। अब इस खुलासे के बाद एनआईए विस्फोट के इस केस को सुलझाने के करीब पहुंच गई है। इसी कड़ी में एक और शख्स की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट विस्फोट मामले में वांछित जुनैद अकरम मलिक की तलाश में किश्तवाड़ के इलाकों में व्यापक अभियान चलाया गया। एनआईए को दिल्ली में हुए विस्फोट और इसी साल दो मई को जम्मू के उधमपुर में उत्तरी सैन्य मुख्यालय के पास हुए विस्फोट के बीच समानताएं मिली हैं। जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जुनैद की मौजूदगी किश्तवाड़ के दच्छन इलाके में होने के सुराग मिलने के बाद इलाके में तलाशी ली गई।
एनआईए ने जुनैद के बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये की घोषणा की है। जांच एजेंसी ने उसकी उम्र 19 बताई है वहीं जुनैद के माता-पिता उसे महज 16 साल का बता रहे हैं। जुनैद के भाई वसीम अकरम की हिरासत में पूछताछ की अवधि खत्म होने के बाद उसे सोमवार तिहाड़ जेल भेज दिया गया। अकरम बांग्लादेश के एक कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र है। वह भी दो अन्य आरोपियों की तरह अपना इकबालिया बयान दर्ज करा सकता है।
इन आरोपियों ने कथित तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर विस्फोट के बाद मीडिया संस्थानों को ई-मेल भेजे थे। विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी। सात सितंबर को हुए विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता लश्कर-ए-तैयबा आतंकी गुलाम सरवर को बताया गया है।
First Published: Tuesday, October 25, 2011, 16:57