Last Updated: Friday, July 5, 2013, 14:09
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : साल 2004 में हुई इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने बीते दिनों विशेष अदालत में पहला आरोपपत्र दाखिल किया। इस आरोपपत्र में सीबीआई ने कई खुलासे किए हैं। यह खुलासा किया गया है कि इशरत मुठभेड़ मामले में इस्तेमाल किए गए हथियार गुजरात पुलिस को सब्सिडियरी इंटेलीजेंस ब्यूरो ने उपलब्ध कराए थे।
वहीं, इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने फरवरी, 2013 में सीबीआई को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में यह जानकारी दी गई थी कि लश्कर-ए-तोएबा के आतंकी डेविड हेडली ने पूछताछ में अमेरिकी जांच एजेंसी (एनआईए) को यह बात बताई थी कि अहमदाबाद में मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां एक फिदायीन हमलावर थी।
सीबीआई को लिखी इस चिट्ठी में कहा गया था कि लश्कर-ए-तोएबा के एक कमांडर ने हेडली को इशरत के बारे में बताया था। चिट्ठी के मुताबिक, हेडली ने कहा था कि इशरत को लश्कर−ए−तोएबा ने भर्ती किया था। आईबी के मुताबिक, एफबीआई ने 25 मई 2010 को इशरत के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन भारत में जांच एजेंसी एनआईए ने हेडली की बातों पर भरोसा नहीं किया।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, हेडली का इशरत से सीधे कोई संपर्क नहीं था। एनआईए ने इशरत पर तैयार अंतिम रिपोर्ट से इस बात को हटा दिया था। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, इशरत के बारे में हेडली के बयान का कोई रिकॉर्ड नहीं है और यह सबूत के तौर पर मान्य भी नहीं है।
First Published: Friday, July 5, 2013, 11:51