Last Updated: Wednesday, January 8, 2014, 14:14
देश की सुरक्षा को जितना खतरा बाहरी ताकतों से है उतना ही खतरा आंतरिक भी है और शायद ये खतरा बाहर के तमाम खतरों से ज्यादा है क्योंकि बाहरी खतरों से निपटना आसान होता है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि आंतरिक खतरे की चुनौती को भी राजनीतिक दल वोट बैंक के तराजू से तौलते नज़र आते हैं।